धर्मनगरी वाराणसी के रहने वाले स्वामी शिवानंद 125 साल की उम्र में पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. उनके शिष्यों का मनाना है कि वो विश्व के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं और पूरी तरह से स्वास्थ्य हैं. विश्व के सबसे उम्रदराज व्यक्ति के रूप में उनका नाम दर्ज कराने के लिए शिष्यों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में आवेदन भी किया है. गोरखपुर के आरोग्य मंदिर में अपने शिष्यों के साथ घुमने आये स्वामी शिवानंद यहां पर प्रकृतिक चिकित्सा के बारे में जानना चाहते थे. पासपोर्ट और आधार कार्ड पर उनका जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 दर्ज है. जिसके आधार पर वो 125 साल के हो गये.
इस उम्र में भी वो पूरी तरह से स्वास्थ्य हैं. स्वामी शिवानंद इसका राज इंद्रियों पर नियंत्रण, संतुलित दिनचर्या, सादा भोजन और योग को बताते हैं, स्वामी जी का मूल मंत्र है कि मिजाज कूल लाइफ व्यूटीफुल और नोट ऑयल ओनली बॉयल. यानी वो हमेशा शांत रहते हैं और खाने में तेल का प्रयोग नहीं करते हैं. साथ ही सुबह 3 बजे वो सोकर उठ जाते हैं और रात में 9 बजे के पहले ही सो जाते हैं. नाश्ते में लाई चूरा और दोपहर और रात के खाने में दाल रोटी व उबली हुई सब्जी खाते हैं.
स्वामी शिवानंद कहते हैं कि अगर स्वास्थ्य रहना है तो उबला हुआ खाना खाए. साथ ही खाने में तेल का कम से प्रयोग करें. उनका कहना है कि नमक और चीनी जितना कम हो सके उतना कम खाए. वहीं स्वामी के शिष्य सुब्रोतो ने बताया कि स्वामी जी माता पिता बहुत गरीब थे. इसलिए उन्हे बचपन में एक साधु को सौंप दिया था. जिसके बाद से स्वामी जी उनके के साथ रहे और तभी से वो संयमित जीवन जीते हैं. स्वामी जी दूध और फल नहीं खाते हैं वो कहते हैं कि देश में बहुत से ऐसे गरीब हैं जिन्हे ये नसीब नहीं होता है इसलिए वो भी इसे नहीं खाएंगे.