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Hospice. धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने पूर्व जन प्रतिनिधियों के लिए एक नई पहल की है। पुरानी परंपराओं से हटकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के इतिहास में पहली वार पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद किशन कपूर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से करवाने का निर्णय लिया और जिला प्रशासन को इसे लागू करने के लिए कहा। प्रदेश सरकार का यह प्रयास भविष्य के लिए भी मिशाल बनेगा और अन्य नेताओं को भी यह सम्मान मिल सकता है। प्रदेश सरकार ने राजनीति से ऊपर उठकर मानवीय संवेदनाओं और सरोकार को सदैव ही विशेष अधिमान दिया है। स्वर्गीय किशन कपूर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से करने का निर्णय सरकार के इसी दृष्टिकोण को इंगित करता है। हिमाचल प्रदेश में यह पहली बार हुआ कि किसी सरकार ने परंपराओं से हटकर पूर्व जनप्रतिनिधि का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से करने का फैसला लिया।
दरअसल, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कुछ लीक से हटकर करने का प्रयास कर रहे हैं। वह मानवीय दृष्टिकोण से सोचते हुए राजनीति से ऊपर उठकर अलग निर्णय ले रहे हैं। यह उनकी सकारात्मक सोच और उनके व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित भी करता है। अनाथ बच्चों, विधवाओं और बेसहारा को सुखआश्रय से सहारा बन कर भी उन्होंने अलग संदेश दिया है। परंपराओं को बदलकर वह निश्चित रूप से राज्य में सार्थक दृष्टिकोण और दूरदर्शिता के साथ संवेदनशीलता की जड़ों को मजबूत कर रहे हैं। सबको साथ लेकर चलने के मंत्र पर यदि वह आगे बढ़ते हैं, तो उनकी अलग पहचान बन जाएगी। पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद किशन कपूर के अंतिम संस्कार को उन्होंने न केवल राजकीय सम्मान से करवाने को कहा, बल्कि बाकायदा प्रदेश सरकार की ओर से कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार और उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया को भी पुष्पांजलि करने के लिए भेजा गया।
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Shantanu Roy
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