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हिंसा के बीच भुखमरी, शख्स ने किया Suicide

Nilmani Pal
8 July 2024 1:03 AM GMT
हिंसा के बीच भुखमरी, शख्स ने किया Suicide
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क्राइम न्यूज़

मणिपुर manipur news। मणिपुर में दंगों को हुए एक साल से अधिक का वक्त हो गया है लेकिन, अभी तक पूर्वोत्तर राज्य में हालात सामान्य नहीं हुए हैं। राहत शिविर में रह रहे एक शख्स ने कथित तौर पर आत्महत्या Suicide कर दी। मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। Congress कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा से विस्थापित एक व्यक्ति की आत्महत्या के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस का कहना है कि मणिपुर के लोग लगातार सरकार से उम्मीद खो रहे हैं और जिस व्यक्ति ने आत्मघाती कदम उठाया,उसके साथ भी ऐसा ही हुआ। मृतक की पत्नी का कहना था कि मेरे पति के आखिरी शब्द थे कि वो हम लोगों को दो वक्त का खाना तक नहीं जुटा पा रहे हैं।

Manipur Big News जिला पुलिस का कहना था कि बिष्णुपुर जिले Bishnupur district के सेरीकल्चर के क्वाक्टा में स्थित एक पूर्व-निर्मित घर में रह रहे अंगोम प्रेमकुमार ने कथित तौर पर आत्महत्या कर दी। शनिवार रात करीब 9:15 बजे उनका शव कमरे से लटका हुआ मिला। पुलिस ने शव बरामद किया और इंफाल के लाम्फेल स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में शव परीक्षण करने के बाद रविवार को उसके अंतिम संस्कार के लिए परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।

मृतक के परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद गिरीश ने कहा कि यह पता चला है कि प्रेमकुमार ने सरकार से उम्मीद खो देने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कमाई का कोई रास्ता नहीं होने के कारण आत्महत्या कर ली। प्रेमकुमार के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं, एक 11 साल का लड़का और एक आठ साल की लड़की। गिरीश ने कहा कि यह घटना सरकार के लिए शांति वापस लाने और 14 महीने से अधिक समय से राहत शिविरों में रह रहे विस्थापितों के लिए कमाई के रास्ते उपलब्ध कराने के लिए आंखें खोलने वाली होनी चाहिए। मृतक की पत्नी प्रेमी ने बताया, "मेरे पति के आखिरी शब्द थे, 'बिना कमाई के मैं तुम्हें और अपने बच्चों को कोई खुशी नहीं दे पाऊंगा, हालांकि सरकार ने अस्थाई रहने के लिए जगह मुहैया करा दी है।" उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में स्थानांतरित होने के बाद उनके पति का मानसिक तनाव बढ़ गया और कोई कमाई नहीं हो पा रही थी। प्रेमकुमार चुराचंदपुर जिले में पेशे से राजमिस्त्री थे। हालाँकि, राज्य में हिंसा भड़कने और उनके विस्थापित होने के बाद, किसी ने भी उन्हें किसी भी काम पर नहीं रखा।


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