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Manatlai से हटी बर्फ, पवित्र स्नान को निकला भक्तों का काफिला

Shantanu Roy
3 Sep 2024 11:16 AM GMT
Manatlai से हटी बर्फ, पवित्र स्नान को निकला भक्तों का काफिला
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Bhuntar. भुंतर। समुद्रतल से 13580 फुट की उंचाई पर स्थित प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध झीलों में एक मानतलाई झील के दर्शनों के लिए सैंकड़ों साहसिक यात्रियों का काफिला निकलने लगा है। कुल्लू जिला की पार्वती नदी का उद्गम स्थल मानी जाने वाली इस पवित्र झील के दर्शनों के लिए धार्मिक एवं साहसिक सैलानियों-श्रद्धालुओं ने मणिकर्ण से लेकर खीरगंगा तक के विभिन्न पड़ावों पर अपना डेरा जमाना आरंभ कर दिया है। लिहाजा, दो दिनों के भीतर ये श्रद्धालु मानतलाई में पहुंच जाएंगे। हालांकि, मौसम भी सैलानियों की परीक्षा लेने को तैयार दिख रहा है। सर्दियों में भारी हिमपात के कारण कई मीटर तक उंची बर्फ की तह में कैद रहने वाली मानतलाई झील से बर्फ की चादर हट चुकी है और इस चादर के हटते ही सैलानियों ने भी यहां के लिए
कूच कर दिया है।


ज्यादातर सैलानी व श्रद्धालु यहां के लिए निकले लेकिन कुछ श्रद्धालु गत दिन ही घाटी के लिए रूख कर चुके हैं। इन श्रद्धालुओं में दर्जनों विदेशी सैलानी भी हैं। सैलानियों के लिए मौसम भी मेहरबान बना है। पिछले दिनों से अचानक हो रही बारिश जरूर चिंता का कारण बनी है। इसको लेकर उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस रवीश ने बताया कि पांडूपुल के पास पार्वती का जलस्तर दोपहर को अचानक बढ़ जाता है और करीब दो घंटे के बाद यह कम होता है। यात्रियों को इससे पहले पुल को पार करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान तेज धूप के कारण ग्लेश्यिर तेजी से पिघलते हैं। मानतलाई सहित अन्य ट्रैकिंग स्थलों की ओर सैलानी निकलने लगे हैं। सभी को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का खतरा मोल न लेने की सलाह दी गई है। पवित्र झील मानतलाई के लिए जुलाई माह से साहसिक यात्रा और ट्रैकिंग आरंभ हो चुकी है और यह आने वाले एक माह तक जारी रहती है लेकिन सबसे ज्यादा सैलानी व श्रद्धालु यहां पर बीस भादों के उत्सव के दौरान पहुंचते हैं। अक्तूबर के बाद यह फिर से जमनी आरंभ हो जाती है। मानतलाई के ट्रैक को पूरा करने में करीब आठ दिनों तक का समय लगता है।
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