![न्यू नालागढ़ कॉलानी में प्रवचनों की बौछार न्यू नालागढ़ कॉलानी में प्रवचनों की बौछार](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/04/03/3643445-untitled-11-copy.webp)
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नालागढ़। नालागढ़ नगर की न्यू नालागढ़ कॉलोनी के फेस-3 के लक्ष्मी बाई पार्क में श्रीमदभागवत कथा के पहले दिन आचार्य तरुणांनद गोस्वामी जी ने धुंधुकारी का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि आत्म देव नाम का एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी धुंधली रहती थी। उनके कोई संतान नहीं थी। एक ऋषि मिले उन्होंने एक फल दिया और कहा कि अपनी पत्नी को खिला देना। लेकिन धुंधली सोचती है अगर बच्चा हुआ तो उसको बहुत कष्ट का सामना करना पड़ेगा यही सोच कर वह उस फल को नहीं खायी और जाकर सारी बात अपने छोटी बहन को बताई तो उसकी बहन ने उसे एक रास्ता बताया और कहा की मैं गर्भवती हूं और मुझे बालक होने वाला है तू ही लेना उसको और उस फल को गाय को खिला दे इससे उस ऋषि की शक्ति का भी पता चल जाएगा। धुंधली ने ऐसा ही किया। कुछ दिन बाद जाकर अपनी बहन से बच्चा लेकर आ गयी। आत्म देव ने बच्चे का नाम ब्रह्मदेव रखना चाहा लेकिन धुंधली ने फिर झगड़ कर उसका नाम धुंधकारी रखा। और धुंधली ने जो फल गाय को खिलाए थे उसके भी गर्भ से मनुष्य का बालक हुआ जिसके कान लंबे लंबे थे इसीलिए उसका नाम आत्म देव ने गोकर्ण रखा। बड़े होकर धुंधकारी दुष्ट व चाण्डाल प्रवृति का था तो गोकर्ण सरल स्वभाव का था।
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