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नोएडा का ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 2024 में उड़ान भरने लगेंगे जहाज

Admin Delhi 1
15 March 2023 5:42 AM GMT
नोएडा का ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 2024 में उड़ान भरने लगेंगे जहाज
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नॉएडा न्यूज़: 14 मार्च, 2023: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का पहला चरण समय पर पूरा होने की ओर बढ़ रहा है। इसका एक रनवे और एक टर्मिनल साल 2024 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा।

तेजी से चल रहा एयरपोर्ट का निर्माण कार्य:

पिछले साल टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) के दो कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने के बाद, परियोजना स्थल पर जमीनी काम, लेवलिंग और खुदाई का काम पूरा हो चुका है। अब कंस्ट्रक्शन ऊपर की ओर बढ़ रहा है, और एयरपोर्ट की संरचनाएं आकार ले रही हैं। अगले कुछ महीनों में यहाँ पर अनेक भवन दिखाई देने लगेंगे, जिनमें स्थल पर यात्री टर्मिनल भवन, ऑफिस ब्लॉक, सीवेज और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स, तथा बिजली के सब-स्टेशन होंगे।

एनआईए ने एयरपोर्ट के लिए एयरोनॉटिकल और नॉन-एयरोनॉटिकल रियायतों के लिए टेंडर्स जारी किए थे। हाल ही में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मल्टी-मोडल कार्गो हब का विकास करने के लिए एयर इंडिया सैट्स (एआईसैट्स) को चुना गया, तथा एयरपोर्ट होटल का विकास करने का अनुबंध रोज़िएट होटल्स एंड रिज़ॉर्ट्स से किया गया।

मल्टी-मोडल कार्गो हब:

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) ने एयरपोर्ट पर मल्टी-मोडल कार्गो हब (एमएमसीएच) का विकास करने के लिए एआईसैट्स को चुना। 80 एकड़ विशाल भूमि पर फैला आगामी कार्गो हब देश के निर्माण केंद्रों से तीव्र, सुविधाजनक और इंटरमोडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। कार्गो और लॉजिस्टिक्स का इन्फ्रास्ट्रक्चर और परिवेश एनसीआर और उत्तर प्रदेश में कई आगामी औद्योगिक क्लस्टर्स और अलग-अलग कैचमेंट्स को सेवाएं देगा, और उत्तर भारत में एक कार्गो गेटवे का निर्माण करेगा।

एमएमसीएच में एक कार्गो टर्मिनल और एक इंटीग्रेटेड वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स ज़ोन होगी। ट्रांशिपमेंट सेंटर का काम एक अद्वितीय लॉजिस्टिक्स ज़ोन करेगी तथा फ्रेट फॉरवर्ड करने और इंटीग्रेट करने के लिए एक वेयरहाउस ज़ोन भी होगी। एमएमसीएच रोड-टू-रोड, रोड-टू-एयर, और एयर-टू-रोड मूवमेंट्स में सहयोग करने के लिए परिवहन सुविधाएं प्रदान करेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के मल्टी-मॉडल कार्गो हब का इन्फ्रास्ट्रक्चर एफिशियंसी, स्केलेबिलिटी, सुगम प्रोसेस फ्लो, और कॉमन डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं सिस्टम्स पर केंद्रित है।

टर्मिनल का डिज़ाईन भारतीय वास्तुकला से प्रेरित:

यहाँ का पैसेंजर टर्मिनल भारत से प्रेरित है, और यहाँ पर क्षेत्र की वास्तुकला के अनेक तत्व देखने को मिलेंगे। इस टर्मिनल के बाहरी कोर्ट की सीढ़ियाँ वाराणसी और हरिद्वार के मशहूर घाटों से प्रेरित हैं, जो लोगों का स्वागत कर उन्हें एक साथ लाते हैं। हवेली जैसा दिखने और अहसास देने वाले कोर्टयार्ड से ताजा हवा और धूप टर्मिनल के भवन में प्रवेश करती है। यहाँ की महत्वपूर्ण नदियों से प्रेरित, सफेद, ट्रांसलुसेंट, और लहरदार छत बहती नदी का प्रभाव उत्पन्न करती है। यात्री टर्मिनल में बारीक कला से बनी जालीदार स्क्रीन हैं, जो भारतीय वास्तुकला से प्रेरित हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में आपका प्रवेश भव्यता के साथ होगा।

रनवे और एटीसी टॉवर:

इस एयरपोर्ट में 4,000 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे है। एटीसी टॉवर की ऊँचाई 40 मीटर है। इससे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को एयरपोर्ट का 360 डिग्री व्यू मिलेगा, जो यहाँ से एयरपोर्ट के रनवे, एप्रॉन और टैक्सीवेज़ देख सकेंगे।

सस्टेनेबल प्लानिंगः

एनआईए ने प्रोजेक्ट स्थल से निकले पेड़ों से एक फॉरेस्ट पार्क बनाने के लिए 8 हेक्टेयर जमीन ली है। यहाँ यात्री और आगंतुक अपना खाली समय बिता सकेंगे, तथा यह प्रकृति के साथ समय बिताने और हैल्थ/फिटनेस की गतिविधियों का एक आकर्षक स्थान बन जाएगा। यह एयरपोर्ट के लिए एक सस्टेनेबल हरित क्षेत्र होगा। एनआईए घरेलू प्रजातियों का संरक्षण करने की योजना बना रहा है, और यह एयरपोर्ट अपने विकास की पूरी प्रक्रिया में नेचर पॉज़िटिव रहेगा। ग्रीन एयरपोर्ट बनने के अपने उद्देश्य की ओर एनआईए चरणबद्ध रूप से एयरपोर्ट में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिकली पॉवर्ड वाहन के लिए सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। एनआईए सौर,पवन और हाईड्रोइलेक्ट्रिक जैसे सस्टेनेबल स्रोतों से बिजली का उत्पादन करेगा।

•1334 हैक्टेयर में फैला।

•पैसेंजर टर्मिनल के लिए एक फ्लोर की प्लेट लगभग 34,000 वर्गमीटर है, जो 4 फुटबॉल के मैदानों के बराबर है।

•एनआईए साईट पर इस समय 2600 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं; सर्वाधिक क्षमता 6000 तक पहुँचने की उम्मीद है।

•हमारे पार्टनर आज तक बिना चोट के 4.2 मिलियन मानव घंटों तक काम कर चुके हैं।

•स्थल पर 400 से ज्यादा भारी और छोटी मशीनरी लगाई जा चुकी है।

•आज तक 32,000 क्यूबिक मीटर कॉन्क्रीट डाली जा चुकी है।

• कंस्ट्रक्शन के लिए 14,000 टन स्टील का उपयोग किया जा चुका है।

यह एयरपोर्ट पश्चिमी यूपी की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा और दिल्ली एनसीआर से हवाई यात्रा की क्षमता में वृद्धि करेगा। यह क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास, आर्थिक वृद्धि और नौकरियों के सृजन में मुख्य भूमिका निभाएगा।

मजबूत रिकवरी और वृद्धि की बदौलत आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एवियेशन उद्योग है। सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एवियेशन इंडिया (सापा इंडिया) के अनुसार भारतीय कैरियर्स द्वारा अतिरिक्त 1,000-1,200 एयरक्राफ्ट के ऑर्डर दिए जाने का अनुमान है, जिससे भविष्य में इस सेक्टर की क्षमता प्रदर्शित होती है। एनआईए यात्रियों को सुगम और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि आने वाले सालों में ज्यादा भारतीय हवाई यात्रा करेंगे।

जानिए नोएडा एयरपोर्ट के बारे में:

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) ग्रेटर दिल्ली क्षेत्र और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भारत और दुनिया के अन्य शहरों से जोड़ेगा। यह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अपने यात्रियों को समृद्ध अनुभव और व्यापक वाणिज्यिक आकर्षण और सेवाएं प्रदान करने के लिए स्विस दक्षता और भारतीय आतिथ्य का संयोजन करेगा। नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने वाला भारत में अपनी श्रेणी का पहला हवाईअड्डा होगा, जो टिकाऊ हवाई अड्डे के संचालन के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा।

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