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शिमला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आजकल शिमला पर दौरे पर हैं। वह सोमवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के दीक्षांत समारोह के लिए शिमला से गई हुई थी, लेकिन शिमला पुलिस द्वारा अचानक बुलाई गई रिहर्सल या ट्रायल के कारण सुबह-सुबह शहर जाम हो गया। कई दफ्तरों के कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे और कई स्कूलों के बच्चे भी लेट हो गए। लेट होने के डर से बसों के ड्रॉपिंग प्वाइंट्स पर छोटे बच्चे रोते हुए भी देखे गए। यही नहीं, यह ट्रायल पहले से शेड्यूल नहीं था। इस कारण प्रेसिडेंट ड्यूटी पर राज्य सरकार की ओर से लगाए गए लाइजन अफसर भी इसमें फंस गए। सबसे ज्यादा प्रभाव टुटू की तरफ से शिमला में आने वाली गाडिय़ों या बसों पर पड़ा।
पहले जब ट्रैफिक रोका गया, तो बसें लेट हो गईं और बाद में जब ट्रैफिक को छोड़ा गया, तो कार्ट रोड जाम हो गया। राज्य सचिवालय में कार्ट रोड के माध्यम से आने वाले कर्मचारी डेढ़ से 2 घंटा लेट पहुंचे। यहां तक कि राज्य सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस सारे मामले में कई शिकायतें सुनने को मिलीं। बाद में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के ध्यान में यह मामला लाया गया और उन्होंने डीजीपी से बात कर इसके बारे में जानकारी ली। राष्ट्रपति की शहर में मूवमेंट को लेकर पुलिस पहले ट्रायल या रिहर्सल कर चुकी है। जब डीजीपी संजय कुंडू ही थे, तब भी एक ट्रायल हुआ था, लेकिन नए डीजीपी के आने के बाद इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए संभवत या यह रिहर्सल बुलाई गई।
इससे सुबह-सुबह ही राजधानी जाम हो गई। लिफ्ट से लेकर हिमलैंड तक लंबी लाइन वाहनों की लग गई और परेशान लोग हुए। शिमला में पुलिस और जिला प्रशासन की परीक्षा दरअसल मंगलवार को है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को न सिर्फ माल रोड आएंगी, बल्कि तारादेवी और संकट मोचन मंदिर का दौरा भी रखा गया है। ऐतिहासिक रिज पर गेयटी थियेटर में उनका एक कार्यक्रम भी है। इस कारण पहले हुए ट्रायल के बाद अब असली चुनौती है। शहर में इस दौरे के लिए न तो एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद किया गया है, न ही ट्रैफिक को लेकर कोई बड़े बदलाव किए गए हैं। ऐसे में राष्ट्रपति दौरे के बावजूद आम लोगों को तकलीफ न हो, यह व्यवस्था बनाए रखना चुनौती है।
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