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- कमरें में मिली साधू की...
राजसमंद। नाथद्वारा में देहली वाली धर्मशाला में शुक्रवार को कमरे में साधु का जला हुआ शव मिला। कमरे से धुआं निकलते देख लोगों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर साधु पूरी तरह जला हुआ मिला। कमरे में एक आधार कार्ड मिला है, जिसमें भगवत दास (75) पुत्र प्रेमदास निवासी मीठारामजी का मंदिर, रेलवे स्टेशन के पास, चित्तौड़गढ़ लिखा है। श्रीनाथजी मंदिर पुलिस थाना एसआई राजेंद्र कुमार ने बताया कि कमरा नंबर 45 में साधु भगवत दास एक दिसंबर से रुके थे। वे अक्सर नाथद्वारा आते थे और देहली वाली धर्मशाला में रुकते थे। शव की शिनाख्त अभी तक नहीं हुई है। आधार कार्ड और अन्य साक्ष्य के आधार पर माना जा रहा है।
जलने से साधु भगवत दास की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह 11 बजे कमरा नंबर 45 से धुआं निकलता दिखा। कमरा अंदर से बंद था। आवाज लगाई तो कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में धर्मशाला में ठहरे अन्य लोग व स्टाफ ने कमरे के पास के कमरा नम्बर 46 का दरवाजा खोल कर अन्दर के कनेक्ट दरवाजे को तोड़कर लोग कमरे में दाखिल हुए तो फर्श पर जला हुआ शव पड़ा था, बॉडी से धुआं निकल रहा था। इसके बाद श्रीनाथजी मंदिर पुलिस थाना पर सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को कमरे में बुजुर्ग का आईडी कार्ड मिला, जिस पर चित्तौड़गढ़ का एड्रेस लिखा था। पुलिस का कहना है कि शव की शिनाख्त के बाद ही पता चलेगा कि शव भगवत दास का ही है या किसी और का।
मौके पर पहुंचे श्रीनाथजी मंदिर पुलिस थाने के एसआई राजेन्द्र कुमार, हैड कॉन्स्टेबल हीरा राम, कॉन्स्टेबल राहुल व कुलदीप ने मौके से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मौका मुआयना किया। शव पूरी तरह से जल चुका था। मौके से एक वोटर आईडी व जन आधार कार्ड मिला है। चित्तौड़गढ़ पुलिस को मामले की जानकारी दी गई है और भगवत दास के बारे में जानकारी मांगी गई है। फिलहाल शव को नाथद्वारा हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया है। पहचान के लिए परिजनों से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। परिजनों के आने के बाद पोस्टमॉर्टम की कार्यवाही की जाएगी। पुलिस ने बताया कि भगवत दास ने साधु के वेश के कपड़े पहने हुए थे। शुक्रवार सुबह 10.30 बजे ही उन्हें कमरे के बाहर स्टाफ ने टहलते हुए भी देखा था। पुलिस इस मामले में हत्या, आत्महत्या और हादसे के ऐंगल से जांच कर रही है।