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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा - कोरोना की पहली लहर के बाद लापरवाह हो गई थी सरकार और जनता, हमें रहना होगा पॉजिटिव

Apurva Srivastav
15 May 2021 2:26 PM GMT
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा - कोरोना की पहली लहर के बाद लापरवाह हो गई थी सरकार और जनता, हमें रहना होगा पॉजिटिव
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प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि यह परीक्षा का समय है और हमें पॉजिटिव रहना होगा।

देश में कोरोना के वर्तमान हालात पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि यह परीक्षा का समय है और हमें पॉजिटिव रहना होगा। भागवत 'पॉजिटिविटी अनलिमिटेड' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार और जनता लापरवाह हो गई थी।

उन्होंने कहा, ''हमें पॉजिटिव रहना होगा और मौजूदा परिस्थिति में खुद को कोविड नेगेटिव रखने के लिए सावधानियां बरतनी होंगी। वर्तमान परिस्थितियों में तर्कहीन बयान देने से भी बचना चाहिए। यह परीक्षा का समय है लेकिन हमें एकजुट रहना होगा और एक टीम की तरह कार्य करना होगा।''
कोविड के वर्तमान हालात पर आरएसएस प्रमुख ने आगे क कि सफलता और विफलता अंतिम नहीं है, जारी रखने का साहस मायने रखता है। उन्होंने कहा, ''हम इस परिस्थिति का सामना कर रहे हैं क्योंकि सरकार, प्रशासन और जनता, सभी कोविड की पहली लहर के बाद लापरवाह हो गए थे। अब तीसरी लहर की बात हो रही है, लेकिन हमें डरने की नहीं, बल्कि खुद को तैयार करने की जरूरत है।''
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने आगे कहा कि कोरोना महामारी मानवता के सामने चुनौती है और भारत को मिसाल कायम करनी है। हमें गुण-दोष की चर्चा किए बिना एक टीम के रूप में काम करना है। हम इसे बाद में कर सकते हैं। हम एक टीम के रूप में काम करके और अपने काम को तेज करके इस चुनौती को दूर कर सकते हैं।
बता दें कि देश में एक दिन में 3,26,098 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,43,72,907 हो गए हैं, जबकि 3,890 और मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 2,66,207 हो गई है। कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या गिरकर 36,73,802 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.07 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर सुधरकर 83.83 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 2,04,32,898 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत दर्ज की गई है।


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