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Bharmour में राजस्व मंत्री ने बताया वन अधिकार अधिनियम

Shantanu Roy
30 Jun 2024 11:24 AM GMT
Bharmour में राजस्व मंत्री ने बताया वन अधिकार अधिनियम
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Bharmour. भरमौर। वन अधिकार अधिनियम 2006 पर उपमंडल मुख्यालय में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता राजस्व एवं बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने की। कार्यशाला में वन अधिकार अधिनियम-2006 से संबंधित कानूनी पहलुओं बारे महत्त्वपूर्ण व व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा वन अधिकार अधिनियम बारे में शंकाओं का निराकरण किया गया। जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार वन अधिकार अधिनियम 2006 को जनजातीय जिलों में प्राथमिकता के आधार लागू करेगी। इसके उपरांत प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाएगा ताकि जनजातीय क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के अन्य हिस्सों के पात्र व्यक्तियों को भी
इस कानूनी अधिकार उचित लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शिमला में जनजातीय क्षेत्रों के डीसी, एसडीएम ने अधिनियम 2006 से संबंधित हर पहलू को पूरी तरह से स्पष्ट किया गया। वन अधिकार अधिनियम 2006 एक ऐसा ऐतिहासिक कानून है, जिसमें पंचायतों में होने वाली ग्रामसभाओं को वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जमीन देने का अधिकार प्राप्त है। इसके लिए ग्राम सभा में 50 फीसद की उपस्थिति होना अनिवार्य है। तथा इसमें दस फीसदी महिलाओं का होना लाजिमी है। कार्यशाला में वन अधिकार मंच के राज्य संयोजक अक्षय जसरोटिया, हिमाचल घुमंतू पशुपालक महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राज कुमार भट्ट तथा डीएफओ भरमौर नरेंद्र ने भी वन अधिकार अधिनियम 2006 की महत्त्वपूर्ण जानकारी दी। कार्यशाला में पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े जनप्रतिनिधी, वन, राजस्व तथा ग्रामीण विकास के अधिकारियों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
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