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नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर सोमवार से इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करेंगे रेजिडेंट डॉक्टर

Renuka Sahu
5 Dec 2021 4:29 AM GMT
नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर सोमवार से इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करेंगे रेजिडेंट डॉक्टर
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फाइल फोटो 

नीट-पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ अब रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को इमरजेंसी सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नीट-पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ अब रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को इमरजेंसी सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने तेवर कड़े करते हुए शनिवार को जानकारी दी कि छह दिसंबर यानी सोमवार से वे देशभर के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, 06 दिसंबर को देशभर के अधिकतर बड़े अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं बंद रहेगी। फोरडा ने इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर भी मांग की है कि नीट-पीजी की काउंसलिंग जल्द कराई जाए नहीं तो इमरजेंसी सेवाओं का बहिस्कार करेंगे। फोरडा का कहना है कि राष्ट्रीय और राज्य आरडीए के साथ मिलकर यह फैसला लिया गया है।
फोरडा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉक्टर कुल सौरभ कौशिक ने कहा कि हम सभी पक्षकारों और प्रशासनिक प्राधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं कि नए डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो। राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार के तीन अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने काउंसलिंग में देरी के खिलाफ प्रदर्शन के तौर पर 27 नवंबर से ओपीडी सेवाएं बंद कर रखी हैं।
अस्पतालों में दिख रहा असर : अस्पतालों में डॉक्टरों ने शुक्रवार से ओपीडी के अलावा अन्य नियमित सेवाओं का भी बहिष्कार किया है। पिछले दो दिनों से काम बंद होने के कारण राजधानी के 40 अस्पतालों में छोटी बड़ी लगभग 800 सर्जरी रद्द हो गई हैं। सफदरजंग के अलावा, राम मनोहर लोहिया, लोकनायक, जीटीबी, अंबेडकर, संजय गांधी, डीडीयू और इहबास समेत करीब 40 अस्पतालों में हड़ताल का असर देखने को मिला। सफदरजंग अस्पताल में कई ऑपरेशन थिएटर बंद रहे। यहां इमरजेंसी में भी कुछ ही सर्जरी हुईं।
यह मामला है
डॉक्टर इसलिए हड़ताल कर रहे हैं क्योंकि अभी तक नीट-पीजी की काउंसलिंग नहीं हो सकी है, जबकि रिजल्ट आए काफी वक्त बीत चुका है। डॉक्टरों का नया समूह इस कारण अस्पताल में बतौर पीजी ज्वॉइन नहीं कर पा रहा है। इसका असर वहां काम कर रहे अन्य रेजिडेंट के काम पर भी पड़ रहा है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में नए डॉक्टरों की भर्ती न होने से फिर से वही हालात बन सकते हैं जैसे दूसरी लहर में बने थे। ऐसे में वे जल्द काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं।
''राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आज मेरे पैर की सर्जरी होनी थी। गांठ निकालने के लिए डॉक्टरों ने आज का समय दिया था, लेकिन अस्पताल में चल रही हड़ताल की वजह से सर्जरी नहीं हो सकी।'' - वरुण कुमार, दिल्ली
''सफदरजंग अस्पताल गया था। पिछले तीन दिन से तेज बुखार है। आज सुबह से उल्टियां हो रही थीं, लेकिन ओपीडी का कार्ड नहीं बना। वहां कर्मचारियों ने कहा कि इमरजेंसी में जाओ। इमरजेंसी में यह कहकर लौट दिया कि ओपीडी में दिखाना।'' -
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