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बंगलुरु के वैज्ञानिकों की रिसर्च में खुलासा, हिमाचल में अमरूद की तीन नई किस्में

Shantanu Roy
13 Dec 2024 11:27 AM GMT
बंगलुरु के वैज्ञानिकों की रिसर्च में खुलासा, हिमाचल में अमरूद की तीन नई किस्में
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Hamirpur. हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई वाले सात जिलों में अमरूद की अर्का किरण, अर्का रश्मि और अर्का मृदुला की नई किस्मों की भी खेती की जा सकेगी। बंगलुरु के वैज्ञानिकों की 25 से 30 वर्ष की रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है। इन किस्मों के अमरूदों को बागबान अपने बगीचों में दो वाई दो और तीन वाई तीन में लगाकर प्रति हेक्टेयर से 20 से 25 मीट्रिक टन अमरुद की पैदावार चार वर्ष के बाद प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में किसानों के लिए अमरूद की नई किस्म काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। बता दें कि प्रदेश सरकार एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से राज्य के कम ऊंचाई वाले जिलों में फल उत्पादन को बड़े पैमाने पर
बढ़ावा दे रही है।


इसके लिए विभिन्न फलों की नई-नई किस्मों की खेती को प्रोत्साहित करके फलों के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उद्यान विभाग के अधिकारियों के दल ने सरघटा केंद्र के प्लांट का निरीक्षण किया और वहां पर लगाए गए अमरूद के पौधों और उनमें लगे फलों का निरीक्षण किया गया। इसके अलावा अमरुद के पौधों को लगने वाले कीड़ों व कीटों से कैसे अमरुद को बचाया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई, ताकि प्रदेश के किसानों को भी इसके बारे में जागरूक किया जा सके। एचपी शिवा परियोजना में वर्तमान में हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला में अमरुद की ललित, श्वेता और बीएनआर किस्म की फसल तैयार की जा रही है, जिससे बागबान अच्छी कमाई कमा रहे हैं।
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