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Mandi. मंडी। मंडी जिला में प्री-मानसून पहुंचते ही बुधवार दोपहर बाद जमकर बारिश हुई है। वहीं जिला के अन्य क्षेत्रों में बारिश के साथ गर्जना व तूफान ने खूब कोहराम मचाया है। बारिश का दौर शुरु होने से जहां अब उमस भरी गर्मी से कुछ राहत मिल गई है। वहीं किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं। जबकि तूफान ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि तूफान के कारण फलदार पौधों को नुकसान होने लग गया है। लेकिन बारिश की एक-एक बूंद सब्जियों के लिए संजीवनी के रुप में मिली है। क्योंकि करीब कुछ सप्ताह में प्रचंड गर्मी पडऩे के कारण सब्जियां सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। बता दें कि समूचे प्रदेश प्रचंड गर्मी के कारण गत माह से तंदूर की तरह तप रहा था। चिलचिलती गर्मी के कारण लोग हाय तौबा करने लग गए थे।
रिकार्ड तोड़ गर्मी के चलते अधिकतम तापमान 42 डिग्री सैल्सियस से पार हो चुका था। लोग गर्मी से निजात पाने के लिए स्वीमिंग पुल और झीलों में स्नान करने पहुंच रहे थे। लेकिन जिला में दो दिन पहले बिगड़े मौसम के मिजाज के चलते राहत की फुहारें हुई थी। जिससे उमस भी गर्मी हो चुकी थी। लेकिन बुधवार दोपहर बाद बिगड़े मौसम के मिजाज के साथ भारी बारिश हुई है। वहीं किसानों का कहना है कि धान की बिजाई के लिए अधिक से अधिक बारिश होना जरूरी है। क्योंकि किसानों ने धान की पनीरी तैयार कर ली है। इसके अलावा जंगलों में आग लगने के मामले भी कम हो गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी वन विभाग पूरी तरह सतर्क है। प्रशासन के निर्देशानुसार वन रक्षक रात्रि को चौकसी बरत रहे हैं। ताकि कोई शरारती तत्व वन संपदा को नुकसान न पहुंचा सके।
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