भारत

अनारदाना बना किसानों की अतिरिक्त आय का साधन

Shantanu Roy
9 Sep 2023 11:26 AM GMT
अनारदाना बना किसानों की अतिरिक्त आय का साधन
x
यशवंतनगर। जिला सिरमौर के गिरिपार पच्छाद क्षेत्र में जंगली अनार जिसे स्थानीय भाषा में दाड़ू कहा जाता है के पौधे काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसे न तो लोग रोपित करते हैं और न ही इनके विशेष रखरखाव की आवश्यकता होती है। इन दिनों किसान अपनी नकदी फसलों के उत्पादन करने के अतिरिक्त अनारदाना निकालने में व्यस्त हैं। गौर रहे कि गिरिपार क्षेत्र नकदी फसलों विशेषकर टमाटर, अदरक, शिमला मिर्च, मटर व लहसुन उत्पाद के साथ-साथ बागबानी तथा दुग्ध उत्पादन में विशेष स्थान रखता है। गांव नौहरा के सुधीर शर्मा का कहना है कि वह अपने खेतों में पारंपरिक खेती के साथ-साथ नकदी फसलें भी उगाते हैं, जिनमें विशेषकर टमाटर, शिमला मिर्च और लहसुन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रतिवर्ष अगस्त माह के अंत में तथा सितंबर माह के शुरू में मात्र 10 से 15 दिन तक अपनी घासनियों, जगल तथा खेतों के किनारे कुदरती उगे हुए अनार दाड़ू के पेड़ से अनारदाना निकालने का काम करते हैं, जिससे उनकों वित्तीय लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि नारग क्षेत्र में दाड़ू काफी मात्रा में पाए जाते हैं।
क्षेत्र के लोग समय निकालकर जंगलों से दाड़ू एकत्रित करके लाते हैं और घर पर दाड़ू से अनारदाना निकालते हैं। इनका कहना है कि अनारदाना औसतन 500 रुपए प्रति किलोग्र्राम बिकता है और व्यापारी इसे घर से ही खरीदकर ले जाते हैं। इसके विपणन की भी कोई समस्या नहीं है तथा अनारदाने के साथ-साथ दाड़ू का छिलका भी बिकता है जिससे खांसी की दवाई बनाई जाती है। गांव डुडर की गृहिणी चंद्रकला शर्मा ने बताया कि वह भी पिछले कई वर्षों से अनारदाना का कार्य कर रही हैं। अनारदाना निकालने में काफी मेहनत लगती है, परंतु इससे हर वर्ष वह हजारों रुपए कमाती हैं। वहीं आयुष विशेषज्ञ बताते हैं कि अनारदाना में भरपूर मात्रा में फाइबर विद्यमान है जोकि वजन घटाने में काफी लाभदायक है। अनारदाना विटामिन का अच्छा स्त्रोत है जिसमें विटामिन ए, सी और ई के साथ फोलिक एसिड भी होता है। इसके साथ-साथ ही इसमें एंटी ऑक्सीडेंट भी होते हैं। इसकी चटनी व चूर्ण खून की कमी को पूरा करने का काम करती है। इससे शरीर में अल्जाइमर नामक बीमारी से भी छुटकारा मिलता है।
Next Story