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संसद के उद्घानट के मौके पर सम्मलित नहीं हुए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रधानमंत्री मोदी ने आज रविवार 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया है। नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। नए संसद भवन को लेकर पूरे भारत में राजनीति भी काफी हुई और हो रही है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्घानट के मौके पर सम्मलित नहीं हुए।
पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपने पहले सबोंधन में कहा ‘यह नया भवन नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का भी आदर्श है। साथियों नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत, नए लक्ष्य तय कर रहा है। नए रास्ते गढ़ रहा है। नया जोश है, नई उमंग है। नया सफर है, नई सोच है। दिशा नई है, संकल्प नया है। और आज फिर एक बार पूरा विश्व भारत को भारत के संकल्प की दृढ़ता को, भारतवासियों की प्रखरता को, भारत की जनशक्ति की जीजीविषा को आदर और उम्मीद के भाव से देख रहा है। जब भारत आगे बढ़ता है, तो विश्व आगे बढ़ता है। संसद का नया भवन भारत के विकास से विश्व के विकास का भी आह्वान करेगा।’
‘एक ऐसा समय भी आया, जब हम दूसरे देशों को देखकर मुग्ध होने लगे। लेकिन 21वीं सदी का भारत अब गुलामी की उस सोच को पीछे छोड़ रहा है। आज भारत प्राचीन काल की उस कला के गौरवशाली गाथा को, अपनी ओर मोड़ रहा है और संसद की यह नई इमारत इस जीवंत प्रयास का प्रतीक बनी है। आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। इसमें कला भी है, कौशल भी है।
इसमें संस्कृति भी है और संविधान के स्वर भी हैं। आप देख रहे हैं कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है। राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। और संसद के प्रांगण में हमारा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों की जो विविधता है, इस नए भवन ने उन सबको समाहित किया है। इसमें राजस्थान से लाए बलवा पत्थर लगाए गए हैं। ये जो लकड़ी का काम है, वह महाराष्ट्र से आई है। यूपी में भदोही के कारीगरों ने अपने हाथ से कालीनों को बुना है। एक तरह से इस भवन के कण-कण में हमें एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन हुए हैं।’
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