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PM मोदी राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे, नड्डा आवास पर NDA की बैठक शुरू

Shantanu Roy
7 Jun 2024 12:45 PM GMT
PM मोदी राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे, नड्डा आवास पर NDA की बैठक शुरू
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New Delhi. नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी Narendra Modi राष्ट्रपति से मिलने जा रहे हैं. 9 जून को मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. आज एनडीए के दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. दिल्ली में जेपी नड्डा के आवास पर महाराष्ट्र के एनडीए नेताओं की बैठक शुरू हो चुकी है. वहां अमित शाह, राजनाथ सिंह, प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे हैं. बाकी नेता भी वन टू वन मीटिंग के लिए थोड़ी देर में यहां पहुंचने वाले हैं. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी जेपी नड्डा के घर पहुंच चुके हैं. जहां एनडीए के नेताओं की बैठक चल रही है. इस बैठक में महाराष्ट्र एनडीए के दल मौजूद हैं.






प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 7 जून को नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के संसदीय दल के नेता चुन लिए गए। पुरानी संसद (संविधान सदन) के सेंट्रल हॉल में सुबह 11 बजे शुरू हुई मीटिंग में NDA के 13 दलों के नेता शामिल हुए। मोदी ने अपने 72 मिनट के भाषण में NDA, विकास, डेमोक्रेसी, अर्थव्यवस्था, चुनाव प्रक्रिया और दक्षिणी राज्यों का जिक्र किया। पीएम ने राहुल गांधी पर निशाना भी साधा। स्पीच में उन्होंने सबसे ज्यादा बार NDA (19) का नाम लिया। 13 बार भारत, 9 बार अलायंस, 6 बार 4 जून (नतीजे की तारीख), 5 बार EVM और 1-1 बार विपक्ष-इंडी गठबंधन का नाम लिया। मोदी ने NDA को न्यू, डेवलप्ड, एस्पिरेशनल इंडिया बताया। कहा कि कुछ लोगों का काम चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना है, लेकिन EVM ने सभी को जवाब दे दिया।
1. NDA: देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी
प्री पोल अलायंस हिंदुस्तान की राजनीति के गठबंधन के इतिहास में इतना सफल कभी नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की विजय है। हमने बहुमत हासिल किया है। सरकार चलाने के लिए बहुमत चाहिए, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी होता है। गोवा हो या नॉर्थ ईस्ट हों, जहां बहुत बड़ी संख्या में ईसाई भाई-बहन रहते हैं, आज उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में सेवा का अवसर हमें मिला है। एनडीए सत्ता हासिल करने का या सरकार चलाने के कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है, यह राष्ट्र प्रथम, नेशन फर्स्ट की भावना से जुड़ा समूह है। यह भारत की राजनीतिक व्यवस्था में एक ऑर्गेनिक अलायंस है।
2. अर्थव्यवस्था: बिना वक्त गंवाए 5 नंबर से 3 पर पहुंचें
यह समय तेज विकास का है। अब हम बिना समय गंवाए 5 नंबर से 3 नंबर की इकोनॉमी पर पहुंचें। देश के लिए जो जरूरतें हैं उस पर काम करना चाहते हैं। संविधान ने जो प्रावधान रखा है, उसके मुताबिक राज्यों के बीच भी कॉम्पिटीटिव स्पिरिट हो।
3. वादे: तीसरे कार्यकाल की गारंटियां पूरी करेंगे
हम कमिटमेंट के साथ काम करते हैं। 25 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर निकाला है। उसके नए एस्पिरेशन पैदा हुए हैं। 3 करोड़ गरीबों को घर का संकल्प, 4 करोड़ को ऑलरेडी दे चुके हैं। 70 वर्ष से ऊपर के आयु के नागरिकों को मुफ्त इलाज की व्यवस्था। मुद्रा योजना के तहत युवाओं को 20 लाख तक के लोन की व्यवस्था। यह सब हमारे तीसरे कार्यकाल की गारंटियां हैं। मिडिल क्लास को सुविधा हमारा कमिटमेंट है। उनकी बचत कैसे बढ़े, इसके लिए हम क्या सकते हैं, हमारे नीति-नियम कैसे बदलें, इस पर काम करेंगे।
4. विकास: 10 साल में क्वालिटी ऑफ लाइफ लाएंगे
अगले 10 साल में विकास, क्वालिटी ऑफ लाइफ लाएंगे। खासतौर पर मध्यम वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग के जीवन में सरकार का दखल जितना कम हो, लोकतंत्र की उतनी मजबूती है। हम विकास और गुड गवर्नेंस का नया अध्याय लिखेंगे। सब मिलकर विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे।
5. दक्षिणी राज्यों का खास जिक्र: पवन कल्याण को बोले- ये आंधी है
दक्षिण भारत में NDA ने नई राजनीति की शुरुआत की है। कर्नाटक और तेलंगाना में अभी-अभी सरकारें बनी थीं, लेकिन लोगों का विश्वास भंग हुआ और लोगों ने NDA को गले लगा लिया। तमिलनाडु की टीम को बधाई देना चाहूंगा। आज हम सीट नहीं जीत पाए, लेकिन हमारा वोट शेयर बढ़ा है। यह साफ दिखाता है कि कल क्या लिखा है। केरल में जम्मू-कश्मीर से भी ज्यादा कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया। अरुणाचल में हमारी सरकार बनती रही है। सिक्किम में भी क्लीन स्वीप। आंध्र में चंद्रबाबू ने बताया कि हिस्टोरिकली ये हाईएस्ट है। यहां जो दिख रहा है न पवन (पवन कल्याण) यह पवन नहीं हैं, आंधी है।
6. राहुल गांधी: ये वो लोग हैं जो खुद के PM के फैसले फाड़ देते थे
इन लोगों का जो व्यवहार रहा है 4 तारीख के बाद, मैं आशा करता हूं कि उनमें ये संस्कार आएं। ये वे लोग हैं जो खुद की पार्टी के पीएम का अपमान करते थे। उनके फैसले को फाड़ देते थे। विदेशी मेहमान आ जाए तो कुर्सी नहीं होती थी। 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई। अगर 2014, 19 और 2024 के चुनाव को जोड़कर कहूं तो तीन चुनाव में इन्हें जितनी सीटें मिली हैं, उससे ज्यादा हमें इस चुनाव में मिली हैं।
7. चुनाव प्रक्रिया: EVM ने सबको जवाब दे दिया
जब 4 जून को नतीजे आ रहे थे, तब मैं अपने काम में व्यस्त था। मुझे लोगों के फोन आए तो मैंने पूछा कि आंकड़े तो ठीक हैं, लेकिन EVM जिंदा है या नहीं। कुछ लोग चुनाव प्रक्रिया पर सवाल पर उठाते हैं। मुझे तो लग रहा था कि वे EVM की अर्थी निकालेंगे, लेकिन EVM ने सबको जवाब दे दिया।
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