मटौर। राष्ट्रीय महत्त्व के बेहद अहम प्रोजेक्ट मंडी-पठानकोट फोरलेन में शाहपुर एरिया में भी काम तेज हो गया है। मैदानी इलाकों में पीले पंजे से भवनों को गिराकर हाई-वे के किनारे चौड़े कर दिए है। शाहपुर में निजी-सरकारी जमीन के साथ सैकड़ों भवन फोरलेन के दायरे में आए है, जिनका कई लोगों को अभी मुआवजा नहीं मिल पाया है। फोरलेन में अकेले शाहपुर एरिया की बात करें, तो पैड़ गांव से लेकर राजोल तक 17.5 किलोमीटर एरिया में काम होना है,जिसमें दो पुल भी बनने हैं। इसमें साढ़े 17 हेक्टेयर प्राइवेट व पौने पांच हेक्टेयर से ज्यादा सरकारी भूमि दायरे में आई है। जमीन का कुल आंकड़ा 22 हेक्टेयर से ज्यादा है। शाहपुर फेज में कुल 644 निजी व सरकारी स्ट्रक्चर यहां फोरलेन की जद में आए है। इनका कुल मुआवजा 163 करोड़ से ज्यादा बंटना है,जिसमें 138 करोड़ बंटे हैं।
स्थानीय प्रशासन का दावा है कि अभी 25 करोड़ रुपए का मुआवजा बंटना शेष है। अभी तक शाहपुर के घटनालू से लेकर रजोल तक कई मकानों और दुकानों को खाली करवाकर तोड़ दिया है। पेड़ों को काटने का काम जोरों पर है। इसी के साथ लगातार दुकानों और मकानों को गिराया जा रहा है। छतड़ी, द्रम्मण, शाहपुर, रैत, पुहाड़ा और राजोल बाजार को छोडक़र सभी जगह पर फोरलेन का काम चल रहा है। गौर रहे कि फोरलेन बनने के बाद मंडी-पठानकोट की दूरी 219 किलोमीटर से 171 किमी रह जाएगी। रजोल के राजेश ने बताया किसडक़ किनारे चौड़े करने से पहले लोगों को सूचना देनी चाहिए। अचानक मशीनें पहुंच रही हैं। मशीनरी के साथ फोरलेन कंपनी, जिला प्रशासन, राजस्व विभाग, पीडब्ल्यूडी, जलशक्ति व बिजली बोर्ड के नुमाइंदे साथ होने चाहिएं। कई जगह जलशक्ति विभाग की पुरानी पाइपें पड़ी हैं। बेशक, नई पाइपें डाली जा रही है, लेकिन सरकारी प्रापर्टी का भी अधिकारियों को ख्याल रखना चाहिए। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि उन्हें अभी मुआवजा नहीं मिला है, लेकिन फोरलेन की मशीनें उनके गांव रजोल मेें काम में जुट गई है। समतल इलाकों में जहां काम चल रहा है, वहां गाडिय़ों की स्पीड़ कम होनी चाहिए। कई जगह सूचना बोर्ड लगाए है, ऐसी कसरत हर जगह करनी चाहिए। काम के चलते रोड पर गड्ढे भी बन गए है, जिन्हें जल्द भरा जाए।