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21 नवंबर के बाद ट्रेजरी से नहीं हो पाया भुगतान, पीडब्ल्यूडी में सबसे ज्यादा असर

Shantanu Roy
7 Dec 2024 10:13 AM GMT
21 नवंबर के बाद ट्रेजरी से नहीं हो पाया भुगतान, पीडब्ल्यूडी में सबसे ज्यादा असर
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Shimla. शिमला। हिमाचल में राज्य सरकार ने कर्मचारियों का आर्थिक संकट भले ही टाल दिया है, लेकिन अब ठेकेदार इस संकट में घिर गए हैं। पीडब्ल्यूडी समेत तमाम विभागों में विकास परियोजनाओं को सिरे चढ़ाने वाले ठेकेदारों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। राज्य भर में अकेले पीडब्ल्यूडी के ही करीब आठ सौ करोड़ रुपए फंसने की बात कही जा रही है। 21 नवंबर के बाद ट्रेजरी में पहुंचे बिलों का भुगतान नहीं हो पाया है, जबकि नवंबर महीने की शुरुआत से ही चार से छह दिन में पीडब्ल्यूडी के माध्यम से खातों में आरटीजीएस हो रही थी। अकेले पीडब्ल्यूडी की बात करें, तो नाबार्ड समेत अन्य सडक़ प्रोजेक्ट में काम कर रहे ठेकेदारों के बिल विभाग के पास पहुंच रहे हैं और विभाग इन बिलों को ट्रेजरी में भुगतान के लिए बढ़ा रहा है। ट्रेजरी में जाकर बिल फंस रहे हैं। इससे ठेकेदारों समेत उनके पास काम करने वाले मजदूर घोर आर्थिक संकट में हैं। ठेकेदारों ने इस बारे में पीडब्ल्यूडी मंत्री और डायरेक्टर ट्रेजरी से भी
शिकायत की है।


भुगतान न होने की वजह से प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्यों के ठप पडऩे की संभावना बन गई है। इसके अलावा जिन ठेकेदारों ने काम शुरू करने से पहले बड़ी ब्याज दर पर ऋण ले रखा है, उनके सामने बैंक क्रप्ट होने के हालात भी बने हुए हैं। पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों के पास इंजीनियर, ड्राइवर और मजदूर काम कर रहे हैं, इन सबके वेतन का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। राज्य में 21 नवंबर के बाद स्थिति ज्यादा खराब होने की वजह से ठेकेदारों की शिकायतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। वहीं एनपी सिंह, प्रमुख अभियंता पीडब्ल्यूडी ने बताया कि विभाग के पास जो भी बिल पहुंच रहे हैं, उन्हें समयबद्ध निपटाया जा रहा है। विभाग इन बिलों को सभी जांच पूरी करने के बाद ट्रेजरी में भेज रहा है। उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी की तरफ से कोई भी बिल नहीं रोका गया है। ट्रेजरी निदेशक रोहित जम्वाल ने बताया कि जो भी बिल ट्रेजरी में आ रहे हैं उनका भुगतान करवाया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी में एलओसी की वजह से कुछ भुगतान फंसे हो सकते हैं। जैसे ही एलओसी क्लीयर होगी भुगतान कर दिए जाएंगे। ट्रेजरी में आने वाले सभी बिलों का भुगतान समय पर किया जा रहा है। ठेकेदारों की भुगतान से जुड़ी शिकायतों पर आगामी कार्यवाही की जा रही है।
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