शिमला। हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन गेम पर टैक्स लगाने का रास्ता साफ हो गया है। इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश विधानसभा से पारित हिमाचल प्रदेश माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2023 को राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संशोधन में 6 श्रेणियों को मुख्य रूप से शामिल किया गया है, जिसमें दांव लगाने, कैसिनो, द्यूतक्रीड़ा, घुड़दौड़, लॉटरी और ऑनलाइन धन कमाने वाली गेम शामिल हैं। केंद्र सरकार की तरफ से ऑनलाइन गेम पर टैक्स लगाने के उद्देश्य से जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार ने विधानसभा से इस संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन गेम बहुत बड़ी इंडस्ट्री है, जिसमें कई बिलियन डॉलर तक कारोबार होता है। यह कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है तथा इसे जुड़े लोग बड़ा मुनाफा कमाते हैं, ऐसे में ऑनलाइन गेम इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को टैक्स के रूप में सरकार को भी राशि चुकानी होगी।
समय के साथ अपना महत्व खो चुके कई विधेयकों को समाप्त कर दिया गया है। इससे संबंधित हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम, 2023 को विधानसभा से पारित किया गया था। अब राज्यपाल की तरफ से इसकी अनुमति मिल गई है। इसमें प्रैजीडैंसी लघुवाद न्यायालय अधिनियम, 1882, कृषक उधार अधिनियम, 1884, प्रांतीय लघुवाद न्यायालय अधिनियम, 1887, मंडी लघु वन उपज दोहन एवं नियति अधिनियम, 1997, चंबा लघु वन उपज दोहन एवं नियति अधिनियम, 2003, पंजाब तंबाकू विक्रेता फीस निरसन अधिनियम, 1953, हिमाचल प्रदेश वैयक्तिक वन अधिनियम, 1965, पंजाब, वृत्ति, व्यापार, आजीविका और नियोजन कराधान अधिनियम, 1968, हिमाचल प्रदेश वन परिरक्षण और वन पर आधारित आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम, 1984, हिमाचल प्रदेश निक्षेपकों के हित का संरक्षण अधिनियम, 1999, हिमाचल प्रदेश सह चिकित्सकीय परिषद अधिनियम, 2003 और हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 2008 प्रमुख हैं।