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टीएमसी। डाक्टर राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड व्यवस्था फिर से ठप हो गई है। दूरदराज के आए मरीजों को न तो ऑपरेशन के समय पूरा सामान मिल पा रहा है और न ही अन्य सामान मिल रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गांव के एक मरीज जो कि गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उसे पिछले पांच महीने से ऑपरेशन के लिए लटकाया जा रहा है। बुधवार को मरीज को अगली तारीख के लिए फिर से लटका दिया गया है मजबूरी में मरीज दिन भर इधर से उधर भटकता रहा। अन्य कई दूरदराज के जिलों चंबा, मंडी, ऊना, हमीरपुर व कुल्लू और 15 लाख की आबादी वाले सबसे बड़े जिला से आने वाले मरीजों को मुफ्त की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
किसी को ऑपरेशन के समय दवाइयां नहीं मिल पा रही तो किसी को ऑपरेशन का सामान नहीं मिल पा रहा है। मजबूरी में गरीब मरीज कैश पेमेंट खर्च कर अपना इलाज करवाने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकी 25 करोड़ की राशि सरकार द्वारा टांडा मेडिकल कालेज व अस्पताल को स्वीकृत कर दी गई है, जिसमें से 15 करोड़ अस्पताल को मिल गया है, परंतु 70 करोड़ पेंडिंग राशि की तुलना में 15 करोड़ ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इसके चलते टांडा अस्पताल में विभिन्न हायर किए गए वेंडर्स को पूरे पैसे का भुगतान नहीं हो पा रहा है और यह इसकी एवज में वेंडर्स ऑपरेशन का सामान देने में असमर्थ व असहज महसूस कर रहे हैं। मुफ्त में मिलने वाले सामान को यह कहा जा रहा है की बाहर से लेकर आएं। ऐसे हाल में दूरदराज से आने वाले मरीजों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त की यह व्यवस्था गले की फांस बन गई है क्योंकि कार्डों पर मुफ्त की सुविधा मिल नहीं पा रही है।
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