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IAS बनने का जुनून: कंचन ने कभी नहीं हारी हिम्मत...पढ़े Success Story

Admin2
13 Oct 2020 11:19 AM GMT
IAS बनने का जुनून: कंचन ने कभी नहीं हारी हिम्मत...पढ़े Success Story
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Success Story Of IAS Topper Kanchan: सिरसा, हरियाणा की कंचन बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थी. एक प्रकार से देखा जाए तो यह उनका चाइल्डहुड ड्रीम था. थोड़ा बड़े होने पर उन्होंने सही समय पर इस ओर कदम भी बढ़ा दिया और अपनी कड़ी मेहनत और धैर्य के बलबूते पहले ही प्रयास में सेलेक्ट हो गईं. हालांकि इस बार उनकी रैंक मन-माफिक नहीं थी इसलिए उन्हें इंडियन पर्सोनेल सर्विस मिली. कंचन ने यहां ज्वॉइन तो कर लिया लेकिन अपने सपने को किनारे नहीं किया. उन्होंने तैयारी जारी रखी और पिछले अटेम्पट्स की गलतियों से बचते हुए दोबारा कोशिश की और इस बार 35वीं रैंक लाकर टॉपर बनीं. इसी के साथ उनका बचपन का आईएएस बनने का सपना भी पूरा हुआ. छोटी सी उम्र में कंचन ने हमेशा सधे हुए कदम उठाए और सावधानी से आगे बढ़ी. तभी उन्हें मंजिल तक पहुंचने में बहुत समय नहीं लगा और अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल कर ली.

कंचन का जन्म और शुरुआती पढ़ाई सिरसा से ही हुई उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे चंडीगढ़ आ गईं. यहां से क्लास बारहवीं करने के बाद उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से ग्रेजुएशन किया. लॉ के प्रति उनका लगाव इतना तगड़ा था कि उन्होंने यूपीएससी सीएसई में इसे अपना ऑप्शनल भी बनाया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में कंचन बताती हैं कि पहले प्रयास में उनसे बहुत सारी गलतियां हुईं, जिन्हें उन्होंने दूसरे अटेम्प्टस में सुधारा. हालांकि इसके बावजूद पहले अटेम्पट में भी कंचन का चयन हो गया लेकिन रैंक आईएएस वाली नहीं आयी और उन्हें मिली आईआरएस पर्सोनेल सेवा. कंचन ने यहां ज्वॉइन कर लिया लेकिन तैयारी जारी रखी. नतीजा यह हुआ कि उन्होंने अपने दूसरे अटेम्पट में साल 2019 में ऑल इंडिया रैंक 35 हासिल की और टॉपर बनीं.

कंचन बताती हैं कि जब आप परीक्षा की तैयारी का मन बनाते हैं तो सबसे पहले इंटरनेट पर इससे संबंधित विभिन्न सामग्रियां खंगालते हैं, उन्होंने भी ऐसा ही किया. टॉपर्स के ब्लॉग, इंटरव्यू देखे, यूपीएससी का सिलेबस देखा और जाना दूसरों की स्ट्रेटजी को. सबकुछ जानने के बाद कंचन का यह मत बना कि किसी और की स्ट्रेटजी आपके कभी काम नहीं आएगी. आपको अपनी कमियों, स्ट्रेंथ और वीकनेस के अनुसार अपने लिए अलग स्ट्रेटजी बनानी होगी.

कंचन आगे कहती हैं कि परीक्षा की तैयारी के लिए कदम बढ़ाने से पहले यूपीएससी का सिलेबस बहुत अच्छे से देख लें और हो सके तो उसे याद कर लें. ताकि कोई भी किताब, कोई भी रिर्सोस यहां तक कि अखबार पढ़ते वक्त भी आपको पता रहे कि जो आप पढ़ रहे हैं, वह काम का है या नहीं. इससे आप फालतू टॉपिक्स कवर करने से और महत्वपूर्ण चीजें छोड़ने से बच जाते हैं. इसे और अच्छे से समझने के लिए यूपीएससी की पिछले साल के प्रश्न-पत्र भी देख सकते हैं. इससे आपको अंदाजा लगेगा कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न आते हैं, क्या पैटर्न होता है वगैरह.

कंचन का मानना है कि यह बात बहुत कॉमन है पर बहुत जरूरी है जिसका ध्यान आपको रखना होगा. किसी भी विषय की बहुत सारी किताबें न रखें बल्कि कम किताबों को ही बहुत बार रिवाइज करें. अगर पढ़ाई करते वक्त कोई एक प्रश्न या कोई एक छोटा सा विषय आपकी किताब में न मिले तो उसके लिए नई किताबों पर जाने की जरूरत नहीं है. ऐसा करेंगे तो कभी सिलेबस पूरा नहीं कर पाएंगे और उसी में उलझे रहेंगे. इसलिए समय रहते सिलेबस पूरा कर लें और उसे बार – बार रिवाइज करें.

केवल तैयारी करना ही काफी नहीं होता उस तैयारी को टेस्ट भी करना पड़ता है. इसके साथ ही जब आप मॉक टेस्ट देंगे तो ही यह समझ पाएंगे कि किस पैटर्न को फॉलो करके आप प्री परीक्षा निकाल पाएंगे. वे कहती हैं कि पढ़ाई हर कोई करता है पर उस पढ़ाई को देखना भी होता है कि सही दिशा में जा रही है या नहीं, इसके लिए टेस्ट दें. ठीक इसी तरह मॉक टेस्ट देकर पता लगाएं कि कितने प्रश्न हल करने पर आप कट-ऑफ निकाल पाते हैं. यह सबका अलग-अलग होता है इसलिए इसमें किसी को कॉपी न करें. अपना कट-ऑफ खुद तय करें.कंचन अंत में यही कहती हैं कि पढ़ाई का टाइम-टेबल बनाएं और उसी के अनुसार तैयारी करें ताकि कुछ भी छूटे न और न ही समय बर्बाद हो. किस दिन, किस घंटे या किस सप्ताह में क्या पढ़ना है अपने अनुसार इसका शेड्यूल बनाएं. सोशल मीडिया का कैसे इस्तेमाल करना है यह भी आपके ऊपर है. चूंकि नेट पर बहुत मैटीरियल है इसलिए इंटरनेट तो देखना ही पड़ता है लेकिन यह ध्यान रखें कि यहां आकर फालतू चीजों में समय जाया न करें. बाकी अपनी सेहत का भी ध्यान रखें, अपनी हॉबीज को भी समय दें और अपने लिए वक्त निकालें. ताकि फ्रेश माइंड से तैयारी कर सकें.



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