भारत
कोलकाता में पाकिस्तानी महिला को लगा कोरोना टीका, अस्पताल पर लगाया था बिना वैक्सीनेशन लौटाने का आरोप
Renuka Sahu
15 July 2021 4:09 AM GMT
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फाइल फोटो
कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में बुधवार को एक 30 वर्षीय पाकिस्तानी महिला सहर कैसर को कोरोना की स्पुतनिक जैब वैक्सीन लगाई गई. इससे पहले महिला ने एक निजी अस्पताल पर वैक्सीन न लगाने का आरोप लगाया था. महिला ने कहा था कि 9 जुलाई को स्पुतनिक वैक्सीन की खुराक लेने के लिए वह मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल गई थीं. वहां पर अधिकारियों ने डेढ़ घंटे से अधिक समय तक उनके दस्तावेजों की जांच की. इसके बावजूद उन्हें वैक्सीन नहीं लगाई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में बुधवार को एक 30 वर्षीय पाकिस्तानी महिला सहर कैसर को कोरोना की स्पुतनिक जैब वैक्सीन लगाई गई. इससे पहले महिला ने एक निजी अस्पताल पर वैक्सीन न लगाने का आरोप लगाया था. महिला ने कहा था कि 9 जुलाई को स्पुतनिक वैक्सीन की खुराक लेने के लिए वह मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल गई थीं. वहां पर अधिकारियों ने डेढ़ घंटे से अधिक समय तक उनके दस्तावेजों की जांच की. इसके बावजूद उन्हें वैक्सीन नहीं लगाई.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने अपने पासपोर्ट का उपयोग करते हुए कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन किया और वैक्सीन की बुकिंग की थी. उनका कहना है कि निजी अस्पताल ने कथित तौर पर उन्हें टीका लगाने से इनकार कर दिया था. कथित तौर पर, अस्पताल के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें विदेशी दस्तावेजों के साथ किसी को भी वैक्सीन लगाने की अनुमति नहीं थी.
रेजिडेंट वीजा पर कोलकाता में रह रही है महिला
बता दें कि लगभग सात साल पहले सहर की शादी एक भारतीय से हुई थी और वह कोलकाता में रेजिडेंट वीजा पर रहती हैं. उन्हें हर दो साल में वीजा को रिन्यू कराना पड़ता है. नियमों के अनुसार, वह भारत में रहने के 10 साल पूरे करने के बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती हैं.
विदेशी नागरिक कर सकते हैं कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन
हालांकि, अन्य देशों से संबंधित विदेशी नागरिक पासपोर्ट नंबर के साथ कोविन पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद भारत में कोरोना वैक्सीन पाने के लिए पात्र हैं, जिस प्रक्रिया का सहर ने पालन किया था.
एएमआरआई अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद महिला ने कहा, 'इस अस्पताल के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया काफी अच्छी थी. यहां के अधिकारियों ने हमारी बुकिंग की जांच की, हमने शुल्क का भुगतान किया और वैक्सीन के लिए 10 मिनट का इंतजार करना पड़ा. यह प्रक्रिया केवल मेरे लिए नहीं थी. बल्कि सभी को इससे गुजरना पड़ रहा था. यहां पर व्यवस्थित तौर पर वैक्सीनेशन चल रहा था. वैक्सीन लगने के लिए राहत मिली है.'
'अब मैं और मेरा परिवार सुरक्षित'
पाकिस्तानी महिला ने कहा, 'मैं ठीक हूं और राहत महसूस कर रही हूं. कोरोना वैक्सीन नहीं लगने से घर और समाज में बहुत सारी समस्याएं होती हैं. वैक्सीनेशन के बाद मेरा परिवार खुश है. अब हम सब सुरक्षित हैं. क्योंकि अगर एक व्यक्ति असुरक्षित है तो समझिए पूरा समुदाय असुरक्षित है.'
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