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कश्मीर के गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण, जयराम रमेश बोले- "आजाद नहीं गुलाम"...अप्रत्यक्ष तौर पर घेरा

jantaserishta.com
26 Jan 2022 3:11 AM GMT
कश्मीर के गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण, जयराम रमेश बोले- आजाद नहीं गुलाम...अप्रत्यक्ष तौर पर घेरा
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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर के दिग्गज कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को पद्म भूषण पुरस्कार (Padma Bhushan 2022) देने का ऐलान किया गया है. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है. एक तरफ राज बब्बर और शशि थरूर जैसे नेताओं ने आजाद को पद्म पुरस्कार को लेकर बधाई दी है तो दूसरी ओर जयराम रमेश ने अपने ही सहयोगी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है.

दरअसल, पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को भी पद्म भूषण देने का ऐलान किया गया, लेकिन सीपीएम के वरिष्ठ नेता ने यह सम्मान स्वीकार करने से इनकार कर दिया. भट्टाचार्य के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, "सही कदम उठाया, वह आजाद रहना चाहते हैं, न कि गुलाम."
माना जा रहा है कि जयराम का यह ट्वीट अब सियासी बवाल पैदा कर सकता है. हालांकि, आजाद की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
वहीं, कांग्रेस के दूसरे नेता शशि थरूर ने गुलाम नबी आजाद को यह सम्मान मिलने का स्वागत किया है. तिरुवनंतपुरम सांसद थरूर लिखते हैं, ''गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने पर बधाई. किसी की भी सार्वजनिक सेवा में योगदान के लिए दूसरे पक्ष की सरकार से सम्मानित होना अच्छा है.''
इसके अलावा, कांग्रेस के एक अन्य नेता राज बब्बर ने भी आजाद को बधाई दी है. बब्बर ने लिखा, ''आप एक बड़े भाई की तरह हैं और आपका बेदाग सार्वजनिक जीवन और गांधीवादी आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा एक प्रेरणा रही है. पद्म भूषण राष्ट्र के लिए आपकी 5 दशकों की कुशल सेवा की एक आदर्श मान्यता है.''
तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने के बाद गुलाम नबी आजाद को लेकर एक अफवाह यह उड़ी कि इस नेता ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल से 'कांग्रेस' पार्टी का नाम हटा दिया है. हालांकि, कांग्रेस नेता ने Twitter Bio में बदलाव की इस खबर को शरारती प्रचार करार दिया.
आजाद ने अपनी सफाई में लिखा, ''कुछ लोगों द्वारा भ्रम पैदा करने के लिए कुछ शरारती प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है. मेरी ट्विटर प्रोफाइल से कुछ भी हटाया या जोड़ा नहीं गया है. प्रोफाइल वैसी ही है जैसी कि पहले थी.''
यह उल्लेखनीय है कि आजाद गांधी परिवार के वफादारों के निशाने पर हैं, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेताओं (G-23) के समूह का नेतृत्व किया और सोनिया गांधी को एक कड़े शब्दों में पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक सुधार की मांग की थी. वहीं, कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जम्मू कश्मीर के इस बड़े नेता की जमकर तारीफ कर चुके हैं. माना जा रहा है कि इस वजह से गुलाम नबी आजाद को विरोध झेलना पड़ रहा है.
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