राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराने से विपक्ष नाराज

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र है, राजशाही नहीं। हमारी राष्ट्रपति, हमारे देश की संवैधानिक प्रमुख को नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करता देख दुख हुआ।
नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से न कराए जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने केंद्र सरकार की निंदा की। पार्टी ने रविवार को कहा कि यह बेहद दुखद है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नहीं कराया गया।शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया है कि राष्ट्रपति मुर्मू को अनदेखा करके नए संसद भवन का उद्घाटन करना नियम और परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संसद को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की जा रही है, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा- "भारत की राष्ट्रपति को समारोह में के लिए आमंत्रित भी नहीं किया गया और यही वजह है कि 20 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया।"
उन्होंने कहा कि नए संसद भवन की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि मौजूदा भवन अच्छी स्थिति में थी। उन्होंने एक मराठी अखबार में लिखा- "इतिहाल में याद रखा जाएगा कि नए संसद भवन के लिए बेवजह 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और इस समारोह के लिए देश की राष्ट्रपति को आमंत्रित भी नहीं किया गया।"
पीएम मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा में स्थापित किया। कई विपक्षी पार्टियों ने इस समारोह का बहिष्कार किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र है, राजशाही नहीं। हमारी राष्ट्रपति, हमारे देश की संवैधानिक प्रमुख को नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करता देख दुख हुआ।
राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने ट्विटर में लिखा- "मैंने सुबह का आयोजन देखा और मुझे खुशी हुई कि मैं इस समारोह में शामिल नहीं हुआ। जो कुछ भी वहां हुआ, उसे देखकर मैं चिंतित हूं। क्या हम देश को पीछे ले जा रहे हैं? क्या यह आयोजन लोगों के लिए ही था?"