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अब नहीं होगा जम्मू-कश्मीर में एंट्री के लिए कोरोना टेस्ट, जानें नियम में नई बदलाव

Deepa Sahu
30 Aug 2021 2:17 PM GMT
अब नहीं होगा जम्मू-कश्मीर में एंट्री के लिए कोरोना टेस्ट, जानें नियम में नई बदलाव
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जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने के लिए लखनपुर में अब उन लोगों का टेस्ट नहीं होगा,

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने के लिए लखनपुर में अब उन लोगों का टेस्ट नहीं होगा, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज ले लिए हैं। वह अपना आईकार्ड दिखाकर बिना टेस्ट के नाके को पार कर सकते हैं। सोमवार को इस तरह से काफी लोगों को बिना टेस्ट के भेजा गया है। जिससे की बाहर से आने वाले लोगों और प्रदेश के लोगों को काफी राहत मिली है।

जानकारी के अनुसार, कोरोना के दौरान प्रदेश में दाखिल होने वाले सभी रास्तों पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद एक प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें लखनपुर में स्टाफ को बिठा दिया गया। हर आने वाले व्यक्ति का टेस्ट करवाने के बाद ही उसे प्रदेश में दाखिल होने दिया जा रहा था, लेकिन अब नियमों में बदलाव किया गया है। अब प्रशासन की तरफ से नियम बनाया गया कि जिसने वैक्सीन के दोनों डोज ले ली है, वह लखनपुर में आकर अपना सर्टिफिकेट और आईकार्ड दिखाकर बिना टेस्ट के ही जा सकता है। वहीं, जिन लोगों ने अभी एक डोज लिया या फिर अभी तक कोई डोज नहीं लिया है, उनके लिए नियम पहले जैसा ही रहेगा। हर रोज सैकड़ों की गिनती में लोगों के टेस्ट लखनपुर में किए जा रहे थे। इससे वाहनों की लंबी लाइनें लग जाती थीं।
श्रीनगर में कई सालों बाद कश्मीरी पंडितों ने जन्माष्टमी के अवसर पर झांकी निकाली। कश्मीर में भी सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया है। हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल श्रीनगर की सड़कों पर देखने को मिली है। कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने भगवान कृष्ण की शोभायात्रा निकाली। हालांकि इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जन्माष्टमी की शोभा यात्रा कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच संपन्न हुई है। इस मौके पर कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों का कहना था कि यह यात्रा पहले भी निकाली जाती थी पर पिछले कुछ सालों में खराब हालात और फिर कोरोना संक्रमण के चलते झांकी नहीं निकाली जा सकी।
कश्मीर घाटी में 90 के दशक में आतंकी धमकियों के कारण शोभा यात्रा नहीं निकली जाती थी, लेकिन फिर 2004 से एक बार फिर से शोभा यात्रा शुरू की गई। इस बार भी कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच यात्रा संपन्न हुई है। इस शोभायात्रा का शहर के बीचो बीच लाल चौक में समापन हुआ। इस यात्रा में भगवान कृष्ण की फूलों से सजी झांकी निकाली गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इसमें जमकर हिस्सा लिया है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुलूस शहर के हब्बा कदल इलाके के गणपतियार मंदिर से शुरू हुआ और बरबरशाह के क्रालखुद से होते हुए ऐतिहासिक लाल चौक स्थित घंटाघर तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि जुलूस अमीरकदल पुल को पार कर जहांगीर चौक से गुजरा और मंदिर लौट आया। पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित भक्तों ने रथ के साथ नृत्य किया और लोगों के बीच मिठाई बांटी।
श्रद्धालुओं में से एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि दो साल बाद उन्हें श्रीनगर में शोभा यात्रा का जुलूस निकालने की अनुमति मिली। कोविड-19 के कारण 2020 में कोई जुलूस नहीं निकाला गया था, जबकि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के कारण इस आयोजन को रद्द कर दिया गया था।
अफसरों ने लिया जायजा
इस नियम को लेकर सोमवार को जिले के डीसी और एसएसपी ने भी लखनपुर में दोपहर को आकर जांच की है। उसके बाद अफसरों से बात की गई। उन्हें कहा गया कि दो डोज ले चुके लोगों को जाने दिया जाए।
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