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जम्मू-कश्मीर में अब सुचेतगढ़ में भी शुरू की 'बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी'
Deepa Sahu
2 Oct 2021 4:08 PM GMT
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भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे सुचेतगढ़ बॉर्डर पर आज से अटारी बॉर्डर की तरह रिट्रीट सेरेमनी बीएसएफ (BSF) की तरफ से शुरू की गई है.
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे सुचेतगढ़ बॉर्डर पर आज से अटारी बॉर्डर की तरह रिट्रीट सेरेमनी बीएसएफ (BSF) की तरफ से शुरू की गई है. यह रिट्रीट सेरेमनी अब बॉर्डर पर हफ्ते में 2 दिन होगी. सेरेमनी में बीएसएफ की गतिविधियों से जुड़ी अन्य प्रस्तुतियां भी दिखाई गई. जिस जगह पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किया जाता था वही आज लोग देश भक्ति के रंग में रंगे हुए इस परेड के दौरान दिखे और हर कोई इस ऐतिहासिक पल को कैमरे में कैद कर रहा था.
जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए सेरेमनी के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पहुंचे. खास बात यह कि अब रिट्रीट सेरेमनी के शुरू होने से सुचेतगढ़ में बॉर्डर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. सुचेतगढ़ में रिट्रीट सेरेमनी का बीएसएफ की ओर से आयोजन हर हफ्ते 2 दिन किया जाएगा. वहीं लोगों का कहना है कि यह परेड देखने के लिए हम अमृतसर के अटारी बॉर्डर जाया करते थे लेकिन आज हमारा सपना पूरा हो चुका है हम काफी खुश हैं और यह एक ऐतिहासिक लम्हा भी है लोगों का यह भी कहना है कि इससे जरूर बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.
बीएसएफ ने हथियारो की भी दिखाई प्रदर्शनी
वही इस रिट्रीट सेरेमनी के दौरान बीएसएफ (BSF) ने अपने हथियारों की भी प्रदर्शनी दिखाई. यह बीएसएफ की ताकत है जो कि बॉर्डर पर तैनात की गई हैं ताकि दुश्मन जब भी अपनी बुरी नजर हमारी तरफ डालने की कोशिश करेगा तो उसे इन्हीं हथियारों से खत्म किया जा सके अतिया आधुनिक हथियार बीएसएफ की तरफ से प्रदर्शनी में रखे गए थे ताकि लोगों को बीएसएफ की ताकत के बारे में पता चल सके यही वह हथियार है जिनसे बीएसएफ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करती है और वक्त आने पर दुश्मन का सफाया भी बॉर्डर पर इन्हीं हथियारों से किया जाता है.
वहीं इससे पहले भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे सुचेतगढ़ (जम्मू) में आगामी 2 अक्तूबर को प्रस्तावित बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान रिहर्सल में जुटे हुए थे. वहीं पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग जम्मू से बुनियादी ढांचा विकसित किया गया था. इसमें कैफेटेरिया सहित अन्य ढांचा उपलब्ध थे.बताया गया था कि भविष्य में सुचेतगढ़ तक बीटिंग द रिट्रीट देखने के लिए पर्यटक अपने वाहनों से ही वहां पहुंचे.
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