
सोलन। सोलन शहर में पार्किंग की समस्या लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी है। कई वर्षो से लोग पार्किंग की समस्या को हल करने की मांग उठा रहे हैं। लेकिन वर्षो बीतने के बाद भी लोगों को बेहतर सुविधा नही मिली है। जिससे लोगों में कहीं न कहीं निराशा भी है। आज यह सबसे ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है । राजनीतिक सभाओं में भी नेताओं ने अपनी जनसभाओं में पार्किंग स्थल बनाए जाने के दावे किए, लेकिन बीच मझधार में वादे लटके पड़े है । बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बने एकवर्ष का समय हो चुका है। लोगों को उम्मीद थी कि व्यवस्था परिवर्तन के बाद भी लोगों को बेहतर पार्किंग मिलेगी -लेकिन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। जानकारी के अनुसार सोलन शहर में करीब 50 हजार छोटे व बड़े वाहन प्रतिदिन सडक़ों पर दौड़ते हैं।
हैरानी की बात है कि पांच हजार वाहनों के लिए भी शहर में पार्किंग स्थल अभी तक नहीं है । 90 प्रतिशत वाहन शहर के गली-मोहल्लों और सडक़ों के किनारे पार्क किए जा रहे हैं। शहर में आने से पहले लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या पार्किंंग की खड़ी हो जाती है। शहर में वाहनों के लिए पार्किंंग नहीं होने से जहां एक ओर लोगों को भारी भरकम चालान भरना पड़ रहा है, वहीं बाजार में वाहन खड़े होने से राहगीरों को भी चलने में दिक्कतें आती है। शहरवासी सडक़ों के किनारे वाहन खड़ा करने को विवश हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। हालांकि पुलिस इनके चालान काटती है, मगर बावजूद इसके रोजाना मालरोड समेत शहर की अन्य सडक़ों पर वाहनों की कतारें देखी जा सकती है। पार्किंग नहीं होने का खामियाजा अधिकतर उन लोगों को उठाना पड़ता है, जो बाजार में सामान खरीदने के लिए आते हैं। लेकिन वाहनों को पार्क करने के लिए जगह नहीं मिलने से उन्हें सडक़ किनारे वाहन खड़े करने पड़ते हैं।
