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फाइल फोटो
नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में इस माह के दौरान अब तक 11 नागरिकों को चुन-चुनकर मारा जा चुका है, और इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी, यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) करने जा रही है. यह जानकारी सूत्रों ने मंगलवार सुबह दी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने NIA को इस हत्याओं के पीछे की बड़ी साज़िश का पर्दाफाश करने का आदेश दिया है, और अब NIA इससे जुड़े चारों केसों को जम्मू एवं कश्मीर पुलिस से अपने हाथ में ले लेगी.
हत्याओं की ताज़ातरीन वारदात रविवार को हुई थी, जब बिहार से आए दो श्रमिकों को कुलगाम जिले के वानपोह इलाके में गोली मार दी थी. तीसरा मज़दूर ज़ख्मी हुआ था. इससे एक ही दिन पहले बिहार से ही आए एक गोलगप्पा विक्रेता और उत्तर प्रदेश से आए एक बढ़ई को घाटी में मार डाला गया था. पुलिस के मुताबिक, गोलगप्पा विक्रेता अरविंद कुमार साह को श्रीनगर में काफी नज़दीक से गोली मारी गई थी, जबकि बढ़ई सगीर अहमद को पुलवामा में मारा गया. हाल ही में जिन 11 नागरिकों की हत्या की गई है, उनमें से पांच अन्य राज्यों से जम्मू एवं कश्मीर में आए थे.
एक अधिकारी के मुताबिक, इन घटनाओं से संकेत मिलता है कि आतंकवादी अन्य राज्यों से आए लोगों को निशाना बना रहे हैं. इन घटनाओं के अन्य शिकारों में जाने-माने कश्मीरी पंडित और श्रीनगर में दवा की दुकान चलाने वाले माखन लाल बिंद्रू, एक टैक्सी ड्राइवर मोहम्मद शफी लोन, अध्यापक दीपक चंद तथा सुपिंदर कौर तथा गलियों में खाने का सामान बेचने वाले वीरेंद्र पासवान शामिल हैं.
इन हत्यों के चलते घाटी के लोगों में डर व्याप्त हो गया है, और कश्मीर पंडितों के कई परिवार ट्राज़िट कैम्पों में आ चुके हैं. सरकारी कर्मियों समेत दर्जनों परिवार इलाका छोड़कर जा चुके हैं. इन हमलों के बाद पुलिस ने व्यापक अभियान चलाया है और समूचे केंद्रशासित प्रदेश में लगभग 900 लोगों को अलगाववादियों से कथित रूप से संबंध होने के आरोप में हिरासत में लिया गया है.
सुरक्षाबलों ने भी आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों को तेज़ कर दिया है. प्रशासन के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते के दौरान एक दर्जन से भी ज़्यादा आतंकी मार गिराए गए हैं.
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