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नौसेना ने कोयला खदान के 152 मीटर गहरे शाफ्ट का नक्शा किया तैयार...15 दिनों से फंसे हैं 5 कामगार
Apurva Srivastav
14 Jun 2021 5:43 PM GMT
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नौसेना ने मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में जलमग्न एक कोयला खदान के 152 मीटर गहरे शाफ्ट का नक्शा तैयार कर लिया है
कोयला खदान के 152 मीटर गहरे शाफ्ट का नक्शा किया तैयारकोयला खदान के 152 मीटर गहरे शाफ्ट का नक्शा किया तैयार है. इस खदान में 30 मई से ही पांच खनिक फंसे हुए हैं. जिला उपायुक्त ई खरमलकी ने बताया कि उमप्लेंग इलाके की खदान में 33 मीटर तक पानी भरा हुआ है और गोताखोर पानी से भरी खदान के भीतर 15 मीटर तक पहुंच पाए हैं.
नौसैन्य कर्मियों की टीम ने रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) और सोनार मशीनों के जरिए शाफ्ट के नीचे तक पहुंचने की प्रक्रिया का खाका तैयार कर लिया है. दुर्घटना स्थल पर तैनात एक मजिस्ट्रेट ने बताया कि पानी निकालने का काम लगातार जारी है और मुख्य शाफ्ट से कुल 2.52 लाख लीटर पानी और दूसरी खदान से 8.64 लाख लीटर पानी निकाला गया है.
डायनामाइट विस्फोट के बाद फंसे लोग
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य की विभिन्न एजेंसियों के करीब 60 कर्मी 152 मीटर गहरे गढ्ढे में पानी के 10 मीटर तक पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि इससे ज्यादा स्तर पर पानी में बचाव अभियान नहीं चलाया जा सकता. जिला प्रशासन ने बताया था कि उमप्लेंग खदान के भीतर कम से कम पांच लोग फंसे हैं, जिसमें से चार लोग असम के हैं और एक त्रिपुरा का निवासी है. डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी भरने से 30 मई को ये लोग खदान में फंस गए थे. यह जगह ईस्ट जयंतिया हिल्स जिला के मुख्यालय खलीहरियात से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
एनडीआरएफ NDRF के करीब 60 कर्मी और अन्य दल जल का स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं. पूर्वी जयंतिया हिल्स के डीसी ई खारमाल्की ने बताया कि नौसेना का एक बचाव दल अभियान स्थल के लिए रवाना हो चुका है.खदान में फंसे पांच लोगों में से चार असम और एक त्रिपुरा से है. नौसैनिकों ने 2019 में पानी भरे खदान से तीन मजदूरों के शव निकाले थे. बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण की ओर से यहां 2014 से 'रैट होल माइनिंग' प्रतिबंधित है.
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