बस स्टैंड और एयरपोर्ट में मंकीपॉक्स की होगी जांच, केंद्र का सभी राज्यों को निर्देश
दिल्ली/रायपुर Delhi/Raipur। दुनिया के ऊपर एक बार फिर से महामारी का खतरा मंडरा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। कांगो और अफ्रीका के अन्य हिस्सों में इस बीमारी के फैलते संक्रमण के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही वायरस के संक्रमण पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की भी बात कही है। Monkeypox
इस बीच स्वीडन के एक यात्री में भी मंकीपॉक्स के नए स्वरूप का पहला केस पाया गया है। ऐसा केस अभी तक अफ्रीका में ही देखा गया था। अन्य यूरोपीय देशों में भी मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच भारत में भी एहतियात बरता जा रहा है। केंद्र सरकार ने सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर निगरानी बढ़ा दी है। राज्यों के लिए भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पीएम मोदी के प्रधान सचिव ने इसको लेकर एक अहम बैठक भी की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी हवाई अड्डों के साथ-साथ बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं के पास स्थित भूमि बंदरगाहों के अधिकारियों को ‘मंकीपॉक्स’ के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रति सतर्क रहने को कहा है। मंत्रालय ने मंकीपॉक्स से पीड़ित किसी भी रोगी के पृथकवास, प्रबंधन और उपचार के लिए राष्ट्रीय राजधानी में तीन केंद्र संचालित अस्पतालों (राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल) को नोडल केंद्रों के रूप में चिह्नित किया है। सूत्रों ने बताया कि सभी राज्य सरकारों को अपने यहां ऐसे चिह्नित अस्पतालों की पहचान करने को कहा गया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें त्वरित पहचान के लिए निगरानी बढ़ाए जाने के बीच मंकीपॉक्स को लेकर देश की तैयारियों की समीक्षा की गई।