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Monkeypox: भारत में एमपॉक्स का संदिग्ध मामला आया सामने, दुनियाभर में खतरा बढ़ा

jantaserishta.com
8 Sep 2024 11:50 AM GMT
Monkeypox: भारत में एमपॉक्स का संदिग्ध मामला आया सामने, दुनियाभर में खतरा बढ़ा
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WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है.
नई दिल्ली: देश में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है। मरीज एक युवक है, जिसने हाल ही में एमपॉक्स से जूझ रहे देश से यात्रा की है। युवक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उसे आइसोलेशन में रखा गया है। डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है और कई देशों में इसके बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं। भारत सरकार भी एमपॉक्स को लेकर कई दिनों से सतर्क है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि एमपॉक्स के संदिग्ध मरीज की हालत इस समय स्थिर है। युवक को एमपॉक्स है या नहीं, इसकी पुष्टि करने के लिए उसका सैंपल लिया जा चुका है और उसकी जांच हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हालांकि, किसी भी अनावश्यक चिंता की कोई बात नहीं है। मंत्रालय ने बताया कि देश इस तरह के अलग-अलग यात्रा संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए मजबूत उपाय किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 12 अफ्रीकी देशों में प्रकोप को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित करने के तीन सप्ताह बाद भारत में संदिग्ध एमपॉक्स मामले का पता चला।
एमपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार जरूरी कदम उठाने लगी है। इसके लिए टेस्टिंग किट तैयार की जा रही है। सीडीएससीओ ने एमपॉक्स का पता लगाने के लिए तीन टेस्टिंग किट को मंजूरी दी है। ये आरटी-पीसीआर किट जांच के लिए पॉक्स के चकत्ते से तरल पदार्थ के सैंपल का प्रयोग करते हैं। आईसीएमआर ने भी इन किट्स को मंजूरी दी हुई है।
इस बीच, अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र और WHO ने शुक्रवार को Mpox प्रकोप के लिए एक योजना शुरू की। अफ्रीका CDC के महानिदेशक डॉ. जीन कासेया के अनुसार, लगभग 600 मिलियन डॉलर के बजट वाली छह महीने की योजना निगरानी, ​​प्रयोगशाला परीक्षण और सामुदायिक सहभागिता पर ध्यान केंद्रित करेगी। गुरुवार को कांगो को JYNNEOS वैक्सीन की 100,000 खुराकों का पहला बैच मिला, जिसे यूरोपीय संघ ने यूरोपीय संघ की स्वास्थ्य आपातकालीन एजेंसी HERA के जरिए से डोनेट किया है। इन टीकों को स्वास्थ्य कर्मियों और आबादी की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
बता दें कि एमपॉक्स कोई नहीं बीमारी नहीं है, लेकिन हाल के समय में इसके कई देशों में मामले सामने आए, जिसके बाद इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया। दुनिया के 116 देशों में एमपॉक्स के मामले मिल चुके हैं। साल 2022 में भी डबल्यूएचओ ने इसे लेकर इमरजेंसी घोषित की थी। इस वायरस की वजह से कांगो में अब तक 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 18 हजार से ज्यादा मामले इस साल सामने आ चुके हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान में भी हाल के समय में एमपॉक्स के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पाक में कुल पांच मामले अब तक सामने आ चुके हैं और पेशावर शहर इसका एपिसेंटर बनता जा रहा है। 29 अगस्त को खाड़ी देश से वापस लौटे एक 47 वर्षीय शख्स पॉजिटिव पाया गया था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
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