भारत
वानर सेना भी मचा रही उत्पात, बंदरों ने पिछले साल काटे में काटे 577 लोग
Shantanu Roy
25 Nov 2024 11:57 AM GMT
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Shimla. शिमला। राजधानी शिमला में कुत्तों और बंदरों के हमलों से हर रोज करीब 20 लोग घायल हो रहे हैं। जनवरी से लेकर अक्तूबर तक की बात करे तो कुत्तों के हमले से करीब 300 से ज्यादा लोग शिकार हो चुके हैं। इसमें से 50 प्रतिशत स्कूल या कॉलेज में पडऩे वाले विद्यार्थी हैं। इनके अलावा शहर के बजुर्ग भी इनके हमले का शिकार हुए हैं। पिछले साल भी कुत्तों के हमलों से शिमला में 2215 लोग घायल हुए हैं। हालांकि बंदरों के हमलों से 10 महीनों में करीब 100 के लगभग मामले नगर निगम के पास आए हैं। इसमें से एक मामला शुक्रवार का भी है। एक विद्यार्थी पर झपट गए थे। गिरने पर उसे गंभीर चोटें आई हैं। विद्यार्थी को आईजीएमसी उपचार के लिए भेजा गया। पिछले सप्ताह रिपन अस्पताल में कुत्तों के काटने के 72 मामले आए हैं।
वहीं, पिछले साल कुत्तों के काटने के कुल 2215 मामले आए हैं। वहीं, बंदरों के काटने के 577 मामले सामने आए हैं। नगर निगम का कहना है कि डॉग लवर कुत्तों को पकडऩे और उनकी नसबंदी का विरोध करते हैं। यहां तक की वह कोर्ट भी जाते हैं। इसके कारण शहर में कुत्तों को पकडऩा और नसबंदी करना मुश्किल हो रहा है। नगर निगम के बीपीएचओ कार्यालय का कहना है कि कुत्ते जिस स्थान पर होते हैं उन्हें दूसरे स्थान पर ले जाना कानुन के खिलाफ है। कोर्ट के सख्त आदेश हैं कि कुत्तों का जो स्थान हैं उन्हें वहीं रखा जाए। ऐसे में कुत्तों को शहर से बाहर भी नहीं किया जा सकता है। लेकिन इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। शहर के रिपन अस्पताल में पिछले साल बहुत ज्यादा मामले कुत्तों और बंदरों के काटने के आए थे। गांवों मे बंदरों व कुत्तों के खिलाफ अभियान चलाया जाना चाहिए।
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