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रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपनी जीत सुनिश्चित कर ली है। भाजपा की बात करें तो पूरे छत्तीसगढ़ में भाजपा को 72 लाख 34 हज़ार 968 वोट मिले और कांग्रेस को 66 लाख 02 हज़ार 586 वोट मिले है।
छत्तीसगढ़ में मतगणना जैसे-जैसे तेज होती जा रही है उसी गति से हैरान करने वाले नतीजे भी सामने आ रहे हैं. दरअसल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव चुनाव हार गए हैं. अंबिकापुर सीट पर वो कांग्रेस के प्रत्याशी थे. बीजेपी प्रत्याशी राजेश अग्रवाल ने उन्हें चुनाव हरा दिया है. कांग्रेस ने रिकाउंटिंग की मांग की. रिकाउंटिंग के बाद भी टीएस सिंह देव हार गए. हालांकि हार का अंतर जरूर कम हुआ. वो महज 94 वोटों से हार गए।
अभी हार की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन वह बीजेपी के प्रत्याशी राजेश अग्रवाल से 8 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. टीएस सिंहदेव कांग्रेस के अकेले बड़े नेता नहीं हैं जो चुनाव में हार गए हैं बल्कि प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज चित्रकोट से और मंत्री अमरजीत भगत सीतापुर से चुनाव हार गए हैं. दोनों को बीजेपी के प्रत्याशियों ने मात दी है।
वहीं, टीएस सिंहदेव के राजनीतिक करियर की बात करें तो वह सीएम की रेस में माने जा रहे थे. टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ में ‘बाबा’ के नाम से मशहूर हैं. अंबिकापुर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. 2003 के विधानसभा चुनाव छोड़ दिया जाए तो ये सीट हमेशा से कांग्रेस के कब्जे में रही है. 2003 में परिसीमन के पहले आरक्षित रही अंबिकापुर सीट पर बीजेपी के कमलभान सिंह ने कमल खिलाया था. 2008 में परिसीमन के बाद अंबिकापुर जनरल सीट बन गई. 2008, 2013 और 2018 में इस सीट से लगातार तीन बार टीएस सिंहदेव जीतते आ रहे थे लेकिन इस बार मामला उलटा पड़ गया है।
मध्यप्रदेश में बनी भाजपा की सरकार
वही मध्यप्रदेश में भाजपा ने अपनी जीत सुनिश्चित कर ली है। मध्यप्रदेश में भाजपा को 2 करोड़ 11 लाख 16 हज़ार 001 वोट मिले और कांग्रेस को 1 करोड़ 75 लाख 71 हज़ार 588 वोट मिले है।
मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रख कर चुनावी मैदान में उतरी भारतीय जनता पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव 2018 के उलट न केवल ऐतिहासिक जीत हासिल करने की ओर है, बल्कि कांग्रेस की परंपरागत कही जाने वाली सीटें भी इस बार भाजपा के खाते में जाती दिखाई दे रही हैं। अब तक घोषित परिणामों के अनुसार भाजपा कुल 230 विधानसभा सीटों में से 38 पर जीत हासिल कर चुकी है। पार्टी फिलहाल 128 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस को अब तक 13 सीटें प्राप्त हुई हैं और वह 50 पर आगे चल रही है। एक सीट सैलाना अन्य के खाते में गई है। वर्ष 2018 की तुलना में भाजपा को इस बार 57 सीटों पर फायदा हुआ है। वहीं कांग्रेस को 52 पर नुकसान उठाना पड़ा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम चार बजे तक की मतगणना में बुधनी विधानसभा क्षेत्र से लगभग एक लाख से अधिक मतों से बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी विधानसभा सीट से जीत हासिल हुई है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर एक सीट से आगे चल रहे हैं। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पीछे चल रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लगातार छिंदवाड़ा विधानसभा में अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। शाम चार बजे तक की मतगणना में कई मंत्री हार की ओर दिखाई दे रहे हैं। मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, सुरेश राठखेड़ा और महेंद्र सिंह सिसोदिया अपने प्रतिद्वंद्वियों से पीछे चल रहे हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक के पी सिंह भी लगातार पीछे चल रहे हैं। राजधानी भोपाल की एक सीट बैरसिया भाजपा के खाते में आ गई है। यहां से पार्टी प्रत्याशी विष्णु खत्री ने जीत हासिल कर ली है। इसके अलावा पार्टी चार सीटों भोपाल दक्षिण पश्चिम, गोविंदपुरा, नरेला और हुजूर पर आगे बनी हुई है। वहीं दो सीटें भोपाल उत्तर और भोपाल मध्य कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही हैं। राज्य की व्यावसायिक राजधानी इंदौर की सभी नौ सीटें भाजपा के खाते में जाने की ओर अग्रसर हैं।