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मंकीपॉक्स को लेकर मोदी सरकार का बयान आया, कही यह बात

jantaserishta.com
2 Aug 2022 11:17 AM GMT
मंकीपॉक्स को लेकर मोदी सरकार का बयान आया, कही यह बात
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान 

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को संसद को बताया कि मंकीपॉक्स कोई नई बीमारी नहीं है इसलिए ज्यादा भयभीत होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी देशों में यह बीमारी 1970 से मौजूद है। दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया संसद में विपक्ष की चिंताओं को दूर करते हुए सरकार का पक्ष रख रहे थे। मंगलवार को भारत में मंकीपॉक्स का सातवां मामला दर्ज करने के तुरंत बाद स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को आश्वासन देते हुए कि भारत हर वो कदम उठा रहा है जो जरूरी है।

डॉ मंडाविया ने कहा कि यह बीमारी "नई नहीं है"। उन्होंने कहा, "हम कोरोना वायरस से मिली सीख को लागू कर रहे हैं। वायरस से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।" उन्होंने कहा, "मंकीपॉक्स भारत और दुनिया के लिए कोई नई बीमारी नहीं है। 1970 के बाद से दुनिया में बहुत सारे मामले अफ्रीका से देखे गए हैं। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इस पर खास ध्यान दिया है। भारत में भी निगरानी शुरू हो गई है।"
गौरतलब है कि मंकीपॉक्स वायरस पहले मुख्य रूप से अफ्रीका तक ही सीमित था। लेकिन इस साल यह कम से कम 75 अन्य देशों में फैल गया है। WHO ने मंकीपॉक्स को हाल ही में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। वैश्विक स्तर पर अब तक 22,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा को बताया, "जब दुनिया में मामले सामने आने लगे, तो भारत ने पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। केरल में जब पहला मामला सामने आया था तभी से हमने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए थे। हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारों को लेटर लिखा है कि यात्रियों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट हमें भेजी जाए।"
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के आठ मामले सामने आए हैं और इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव निगरानी की जा रही है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंकीपॉक्स से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए मांडविया ने यह भी कहा कि इससे घबराने या डरने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह कोविड-19 बीमारी की तरह तेजी से नहीं फैलती है बल्कि बहुत नजदीकी संपर्क में आने पर ही यह संक्रमण फैलता है। उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स के संक्रमण की जांच के लिए देश के 15 संस्थानों को चिह्नित किया गया है और आवश्यकता पड़ी तो इसमें अन्य संस्थानों को भी शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बहुत करीबी संपर्क में आने पर ही यह संक्रमण फैलता है, जैसे मां से बच्चे में और पति से पत्नी में या पत्नी से पति में।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के अनुभवों से सीख लेते हुए सरकार ने पहले ही मंकीपॉक्स से निपटने की तैयारी आरंभ कर दी थी। उन्होंने कहा, ''भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को सामने आया था। आज की तारीख तक आठ मामले सामने आए हैं। इनमें पांच मामले ऐसे हैं, जिनमें संक्रमित लोग विदेशों से भारत आए हैं।'' मांडविया ने कहा, ''वैसे तो किसी भी बीमारी को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए लेकिन मंकीपॉक्स से घबराने या डरने की आवश्यकता नहीं है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। थोड़ा भी सतर्क रहा जाए तो हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं।'' उन्होंने बताया कि इस संक्रमण के फैलाव पर निगरानी के लिए नीति आयोग ने एक कार्यबल गठित किया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी मंकीपॉक्स के मामले आ रहे हैं, वहां केंद्रीय टीम भेजी जा रही है और वह राज्यों को सहयोग कर रही है।
मांडविया ने कहा कि मंकीपॉक्स का अभी तक कोई टीका सामने नहीं आया है और सिर्फ अंकारा में चेचक के नजदीक का एक टीका दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में मंकीपॉक्स के वायरस को ''आइसोलेट'' किया गया है और इसे वैज्ञानिकों या शोध करने वाले संस्थानों का दिया जाएगा ताकि इसका टीका विकसित किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस प्रकार भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 रोधी टीकों का ईजाद किया, उसी प्रकार उन्हें मंकीपॉक्स के टीके विकसित करने में भी सफलता मिलेगी।
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