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यूनिवर्सल कार्टन लागू करने को मार्केटिंग बोर्ड की कमेटी गठित

Shantanu Roy
5 Dec 2023 9:15 AM GMT
यूनिवर्सल कार्टन लागू करने को मार्केटिंग बोर्ड की कमेटी गठित
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शिमला। हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को बने एक साल होने वाला है। एक साल के अंदर प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के तौर पर कई बदलाव आए हैं, तो वहीं दूसरी ओर सेब बेचने की प्रक्रिया में भी बदलाव आया। हिमाचल में पहली बार वजन के हिसाब से सेब बेचने की प्रक्रिया शुरू हुई है। इससे पहले मंडियों में गड्ड में ही सेब बिकता था। ऐसे में बागबानों को 22 से 24 किलो सेब का पैसा दिया जाता था, जबकि बागबानों से 30 से 32 किलो सेब खरीदा जाता था। बागबान लंबे समय से मंडियों में किलो के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था शुरू करने की मांग कर रहे थे। ऐसे में सरकार ने इस बार मंडियों में किलो के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था शुरू की। वहीं अगले सेब सीजन से सरकार प्रदेश भर में यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने तैयारियां अभी से ही शुरू कर दी हैं। अगले सेब सीजन में पैकेजिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य होगा।

इसके लिए मार्केटिंग बोर्ड ने एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अगले माह यानि दिसंबर माह में रिपोर्ट देगी। इसके बाद दिसंबर माह में ही राज्य में यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। प्रदेश में कई बागबान तथा बागबानी संघ सेब की पैकेजिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वह कई बार बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी से भी मिल चुके हैं। ऐसे में इस वर्ष प्रदेश में किलो के हिसाब से मंडियों में सेब की बिक्री हुई, जिससे बागबानों को लाभ हुआ। अब सरकार ने अभी से ही यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने के लिए काम शुरू कर दिया है, ताकि कार्टन उत्पादक इनका उत्पादन करें। वर्तमान में राज्य में टेली स्कोपिक कार्टन का प्रयोग हो रहा है। टेली स्कोपिक कार्टन में दो बॉक्स होते हैं। इसमें निर्धारित मापदंड से अधिक मात्रा में सेब की पैकिंग की जाती है। यानि 20 किलोग्राम की पेटी में 35 से 40 किलोग्राम तक का सेब भरा जाता है, जिससे बागवानों को नुकसान हो रहा था। इसे देखते हुए इस वर्ष से सरकार ने तय किया था कि एक पेटी में 24 किलोग्राम से अधिक सेब नहीं भरा जाएगा।

बागवानी विभाग में जहां बागवनों को शोषण से बचाने के लिए टेलिस्कोपिक कार्टन की बजाए यूनिवर्सल कार्टन पर काम कर रही हैं, तो वहीं कृषि विभाग में पिछली जयराम सरकार में शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना उलझ गई है। एक ओर जहां कृषि मंत्री कई प्लेटफार्म पर जहां इस योजना को बंद करने का ऐलान कर चुके हैं, तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार से भी इसकी राशि हिमाचल को जारी नहीं की गई है। वहीं लोग इस बात को लेकर असमंजस में है कि यह योजना जारी रहेगी या नहीं। हालांकि इस योजना के बंद करने के संबंद्ध में राज्य सरकार की ओर से लिखित में कोई सूचना या अधिसूचना जारी नहीं की गई है। बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य में यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने की घोषणा की थी। इसे अब पूरा करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र या फिर बजट सत्र में विधेयक लाया जा सकता है।

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