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दहेज़ में मंगा 20 लाख रुपए और फॉर्च्यूनर गाड़ी, महिला आयोग की चेयरमैन ने कहा- शर्मनाक घटना

jantaserishta.com
8 Dec 2021 1:47 AM GMT
दहेज़ में मंगा 20 लाख रुपए और फॉर्च्यूनर गाड़ी, महिला आयोग की चेयरमैन ने कहा- शर्मनाक घटना
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करनाल. हरियाणा के करनाल जिले में दहेज में 20 लाख रुपए और फॉर्च्यूनर गाड़ी मांगने के बाद शादी टूटना का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में हरियाणा महिला आयोग ने संज्ञान ले लिया है. इस मामले में हरियाणा महिला आयोग की चेयरमैन प्रीति भारद्वाज दलाल ने संज्ञान लिया और मीडिया से मिली जानकारी के बाद वो करनाल पहुंच गई. उन्होंने पहले लड़की पक्ष, फिर लड़के पक्ष से बातचीत की. ये बातचीत इस केस की तफ्तीश कर रहे डीएसपी के सामने ही हुई.

हरियाणा महिला आयोग की चेयरमैन ने कहा कि दहेज लेना एक बीमारी है. ये काफी शर्मनाक घटना है. पता नहीं लोगो में इतनी गाड़ी की क्यों भूख है कि उन्हें गाड़ी शादी से लेनी है. पुलिस की तरफ से कुछ धाराएं कम लगाई गई थी. इस मामले में और धाराएं बनती है. उसे लगाने के लिए भी बोल दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी कार्रवाई बनती है वो जल्द से जल्द की जानी चाहिए.
वहीं मामले की जांच कर रहे DSP अभिलक्ष्य जोशी ने बताया कि मामला दर्ज किया हुआ है. इसके बाद जो भी बयान लड़की पक्ष की तरफ से आएंगे, उसके तहत जो भी धारा बनती होगी वो भी जोड़ दी जाएंगी. मामला गंभीर है. ऐसे में पुलिस की तफ्तीश में क्या कुछ सामने आता है वो देखना होगा.
बता दें कि लड़का नसीब कृषि विभाग में वैज्ञानिक है जबकि लड़की पीएचडी लॉ में कर रही है. लड़की हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग में काम करती है. दोनों की शादी तब टूट जाती है जब दोनों के फेरे होने वाले थे. उससे पहले दहेज के सामान को लेकर हंगामा हो गया और शादी होने से पहले ही रुक गई.
लड़की के पिता ने बताया कि बारात के आने के बाद लग्न की रस्म होती है. उसमें होने वाले समधी को अंगूठी और दूल्हे को चेन पहनाई. जब वो लग्न की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वहां से उठे तो तुरंत लड़के ने चेन गले से खींचकर फेंक दी. हम हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करने लगे तो सामने आया कि लड़के के बहनोई व दूसरे भाई की भी चेन चाहिए थी.
हमने दो दिन तक देने के लिए प्रार्थना की. वो मना करते हुए गाली-गलोच करने लग गए और फेरों पर आने से मना कर दिया. 20 लाख रुपए और फॉर्च्यूनर गाड़ी की डिमांड की गई. लंबे समय तक लड़का पक्ष के लोगों में खुसर-फुसर होती रही. हम उन्हें बुलाते रहे और वो हमें टालत रहे. मेरी बेटी एलएलबी, एलएलएम, पीएचडी है. वो जॉब करती है. जब किसी की बेटी को कोई ऐसे छोड़ दे तो कोई बाप क्या करे.

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