जर्जर भवन गिराते समय हुआ बड़ा हादसा, गंभीर रूप से झुलसा कर्मचारी
हरियाणा में पानीपत सिविल अस्पताल के जर्जर भवन को गिराते समय बड़ा हादसा होने से बचा. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते 11 हजार वोल्टेज की बिजली की लाइन और पानी सुचारू रूप से चालू है. इस दौरान ठेकेदार के कर्मचारी हताहत होने से बच गये. असल में, अंडर ग्राउंड बिजली लाइन में पुराने भवन को गिराते समय बड़ा हादसा हुआ, जब बिजली लाइन में जोरदार धमाका हुआ और दीवारें गिर गईं, जिसमें एक कर्मचारी झुलस गया. ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि काम शुरू करने से पहले स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर बिजली व पानी बंद करने के लिए कहा गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान नहीं लिया और आज के हादसे में मेरे कर्मचारियों की जान जा सकती थी.
पानीपत के सामान्य अस्पताल के नए भवन निर्माण के बाद जर्जर हो चुके पुराने भवन को तोड़ने का ठेका स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया था. आदित्य इंटरप्राइजेज 1 माह से जर्जर भवन को तोड़ने का काम शुरू किया गया था. नियमानुसार ठेकेदार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर जर्जर भवन में बिजली पानी की सप्लाई के साथ-साथ आसपास की जगह खाली करने के लिए लिखा गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस और लापरवाह नजर आया. आज स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते बड़ा हादसा होने से टल गया.
जर्जर भवन में 11000 वोल्टेज के तार अंडरग्राउंड डाले गए थे. जिसे पोकलेन मशीन द्वारा तोड़ा जा रहा था. तभी अचानक मशीन का पंजा पिलर के अंदर से जा रही बिजली की लाइन से टकरा गया, जिससे बिजली लाइन में जोरदार धमाका हुआ. गनीमत ये रही कि इस हादसे के दौरान ठेकेदार के दो दर्जन से ज्यादा काम कर रहे मजदूर मशीन से दूर थे. यह मशीन टायरों पर नहीं लोहे की चेन पर चलती है, जिसके चलते कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था. वहीं ठेकेदार ने कहा है कि लगातार उसका काम भी प्रभावित हो रहा है, क्योंकि जर्जर भवन के अंदर बिजली व पानी अभी भी सुचारू रूप से चल रहा है. अगर समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो उसे 15000 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भी देना पड़ेगा. ठेकेदार ने आरोप लगाए कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते जहां आज उसके मजदूरों की जान जा सकती थी. समय पर काम पूरा न होने के चलते यह खामियाजा भी उसे भुगतना पड़ रहा है.