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कश्मीर: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को 'अवाम की आवाज' रेडियो कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उपराज्यपाल ने प्रदेश के लोगों द्वारा भेजे गए जरूरी सुझावों और उनके उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बार बैक टू विलेज में क्रार्यक्रम में लोगों की भरपूर भागीदारी रही। इसमें 21 विभाग के 54 डिलिवर्स शामिल हुए। इस दौरान 96 हजार सेहत गोल्डन कार्ड जारी किए गए, जिससे 49 हजार 526 परिवारों को स्वास्थ्य का सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि इस साल का बैक टू विलेज ग्रामीण समुदाय को सशक्त बनाने और समग्र विकास के लिए साझेदारी को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब रहा। जन अभियान के तहत 5 हजार 914 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। अब जम्मू कश्मीर में किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़कर 12 लाख 84 हजार पहुंच गई है।
जनभागीदारी और ग्राम समृद्धि के दौरान 277 नई कोऑपरेटिव सोसाइटी पंजिकृत की गई है। साथ ही 31 हजार 578 कोऑपरेटिव मेंबर्स को ट्रेनिग दी गई है। 'आपकी जमीन आपकी निगरानी पोर्टल' को करीब 9 लाख लोगों ने देखा है। सात लाख से ज्यादा लेंड पासबुक बांटी गई है। इसके साथ ही स्कूल ड्राप आउट बच्चों को चिन्हित करके 40 हजार से ज्यादा बच्चों को फिर स्कूल में दाखिला कराया गया है।
हर अस्पताल में बने ड्रग इंफॉर्मेशन सेंटर
किश्तवाड़ के दिलशाद मट्टू ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर फार्मेसी से संबंधित नीतिगत सुधारों और नई पहलों का सुझाव दिया है। उन्होंने अस्पतालों में उपल्बध में मेडिसिन की रोगुलर जांच के लिए हर अस्पताल में ड्रग इंफॉर्मेशन सेंटर खोलने की सलाह दी है। साथ ही सुझाव दिया कि प्रशासन समय-समय पर ड्रग इंस्पेक्टर के रिपोर्ट कार्ड को भी जांचे। सभी अस्पतालों में प्रशासन की मेडिकल शॉप शुरू की जानी चाहिए। वहीं, जम्मू से रतन प्रभा और विजय शर्मा ने चिन्हित पर्यटन स्थलों के विकास में तेजी लाने के लिए पर्यटन विभाग में एक संसाधन केंद्र बनाने की आवश्यकता पर एलजी को पत्र लिखा।
खेतों में बोए सफलता के बीज
सांबा के प्रगतिशील किसान बलदेव राज ने प्रशासन विभिन्न योजनाओं और विशेषज्ञों की सलाह से बागवानी विभाग की सहयोग से स्ट्राबेरी, आंमला, ड्रेगन फ्रूट उत्पादन शुरू किया। इससे उनका मुनाफा बढ़कर साढे़ 9 लाख रुपये सलाना हो गया है। स्ट्राबेरी के लिए माइक्रो इरिगेशन फेसीलिटी भी शुरू की है और उनके उत्पाद की ग्रेडिंग और पैकेजिंग भी वह खुद कर रहे हैं। बाजार खुद चलकर उनके खेतों तक पहुंच रहा है। ड्रेगन फ्रूट के प्लांट्स भी बेचने शूरू कर दिए हैं।
अटल संकल्प से छुआ नईं ऊंचाईओं को
पुलवामा की हीना परे अपने अटल संकल्प से नई ऊंचाईयों पर पहुंच रही हैं। हीना ने प्रधानमंत्री मत्सय संपदा योजना के अंतर्गत, जिला पुलवामा का पहला रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम पर अधारित फिश फार्म शुरू किया है। उनका फिश फार्म हाई क्वालिटी रेनबो ट्राउट के लिए मशहूर हो रहा है। हीना ने दस अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराया है। वह युवाओं के लिए प्रेरणासत्रोत बन रही हैं।
ई-रिक्शा चालक बनीं सशक्तिकरण की मिसाल
जम्मू के नगरोटा की सीमा देवी महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी हैं। वह जम्मू-कश्मीर की पहली महिला ई-रिक्शा चालक के रूप जानी जा रही हैं। घर के खर्च में अपने हिस्सादारी का दायित्व को पूरा करने के लिए उन्होंने ई-रिक्शा चलाना शूरू किया। शुरुआत में इसके लिए उन्हें अन्य लोगों का सहयोग नहीं मिला, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब वह लगातार आगे बढ़ रही हैं।
कंवेशनल फैमिली वेंचर को पहुंचाया विदेशों तक
जम्मू की रिद्धिमा अरोड़ा युवा उद्यमियों में से एक हैं। उन्होंने अपने कंवेशनल फैमिली वेंचर को रिइनवेंट कर देश-विदेश तक पहुंचाया है। उनका स्टार्टअप 'नाम्या फूड्स' आयुर्वेद पर अधारित खाद्य उत्पादों की मार्केटिंग कर रहा है। इसके साथ ही आर्गेनिक फूड को लेकर फैली भ्रांतियों को भी दूर करने में अपना योगदान दे रही हैं।
पेंशन लाभार्थियों के लिए उपलब्ध हो ऑनलाइन डैशबोर्ड
बांदीपोरा के मुदस्सर नजीर वानी ने पंचायतों के पेंशन लाभार्थियों के लिए एक ऑनलाइन डैशबोर्ड का सुझाव दिया है। इसे लेकर उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखा। उनका कहना है कि अभी तक पंचायत घर की दीवारों पर नाम लिखे होते हैं। इन्हें ऑनलाइन संबंधित जिला की वेबसाइटों पर भी उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
आंगबाड़ी सेंटर को मिले मिड डे मील बनाने की जिम्मेदारी
पुलवामा की सायमा जरगर ने मिड डे मिल से जुड़ा पत्र लिखा। इसमें उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में मिड डे मील बनाने के लिए सभी पास के आंगबाड़ी सेंटर को खाना बनाने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। इस पर एलजी ने कहा कि पोषक आहार पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र और राज्य की सरकारों मिलकर अगले पांच वर्ष तक एक लाख 30 करोड़ इस योजना पर खर्च करेंगे। इसमें पोषण की जांच के लिए समय-समय पर इसका ऑडिट भी किया जाएगा। वहीं, कठुआ के हरजोत सिंह ने कश्मीर माइग्रेट पोर्टल से जुड़ा पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि निश्चत समय के भीतर शिकायतों को निपटारा नहीं किया जा रहा है। संबंधित जिला उपायुक्तों को फिल्ड अधिकारियों की रिपोर्ट 15 दिन में तलब करनी चाहिए।
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