हरियाणा में हिसार के हांसी में कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों का बीमा करवाकर लाखों रुपये के क्लेम हड़पने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. हांसी पुलिस ने इस मामले में 8 व्यक्तियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है. निजी बीमा कंपनी के मैनेजर की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया है. करोड़ों के फर्जी क्लेम हड़पने के मामले में हिसार के एक वकील और हांसी सिविल अस्पताल के डॉक्टर का नाम सामने आया है. बता दें कि हांसी और नारनौंद इलाके में बीते दो सालों में फर्जी तरीके से बीमार व्यक्तियों का बीमा क्लेम हड़पने के कई मामले सामने आ चुके हैं. चौंकने वाली बात ये है कि हांसी सिविल अस्पताल के जिस डॉक्टर का नाम पिछले मामलों में सामने आया था, उसी डाक्टर के नाम दर्ज हुई दोनों एफआईआर में फिर उजागर हुआ है.
निजी कंपनी के मैनेजर ब्रजेश कुमार राजपूत ने रेंज आईजी के समक्ष फर्जी बीमा पॉलिसी करवाकर बीमा कंपनियों को चूना लगाने वाले गिरोह के बारे में पूख्ता सबूतों के साथ शिकायत सौंपी थी. शिकायत में मैनेजर ने विस्तार से पूरे गिरोह के बारे में पुलिस को बताया है. पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, बीमा कंपनी ने पहले कई मामलों की खुद जांच की. जांच में करीब 23 बीमा पॉलिसी का क्लेम संदिग्ध मिला. इन पॉलिसी में करीब 21 करोड़ रुपये का क्लेम मांगा गया. इनमें से दो पॉलिसी हांसी क्षेत्र की भी हैं. पुलिस एफआईआर में बैंक मैनेजर की तरफ से कहा गया है कि साल 2017 दिसंबर में नारनौंद के एक गांव के व्यक्ति सत्यनारायण की बैलगाड़ी से गिरकर मौत दिखाई गई, जबकि सत्यनारायण की मौत एक्सिडेंट में होने के बजाए बीमारी से हुई थी. गिरोह के सदस्यों ने पूरी कार्रवाई करवाते हुए कंपनी से लाखों रुपये का बीमा हड़प लिया. ऐसे ही कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों का बीमा करवाकर क्लेम हड़पने का काम भी करते थे.
दोनों बीमा कंपनियों के मुताबिक, 2018 में हांसी के रहने वाले छोटू राम का कुछ महीने पहले ही बीमा करवाया गया. इसके बाद 26 अप्रैल 2018 में खेत में ड्रैन से छलांग लगाते हुए पैर फिसलने से उसकी मौत दिखाई गई. कंपनी ने इस मामले में भी 15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया. बीमा कंपनी के अनुसार, इस गिरोह में डॉक्टर, पुलिसकर्मी, वकील के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं. कंपनी की जांच में सामने आया है कि हिसार का एक वकील फर्जी बीमा करवाकर बीमा क्लेम हड़पने के धंधे का मास्टरमाइंड हैं. धोखाधड़ी से मिलने वाले बीमा क्लेम का 30 फीसदी हिस्सा वह खुद रखता है और 70 फीसदी अन्य लोगों में बांटा जाता है. सिटी थाना प्रभारी दलबीर सिंह का कहना है कि पुलिस ने फर्जी क्लेम के मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. एक मामले में बिजेंद्र, अमित, संदीप, डॉक्टर विजय स्वरूप और दूसरे मामले में साहिब, अमित, ओमी, सुनील कुमार और डॉक्टर विजय स्वरूप के खिलाफ मामला दर्ज किया है. डॉक्टर विजय स्वरूप का नाम दोनों एफआईआर में है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.