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किसानों पर लाठीचार्ज की घटना: 10 पुलिसकर्मियों समेत 14 घायल, देखे वीडियो

jantaserishta.com
29 Aug 2021 1:04 AM GMT
किसानों पर लाठीचार्ज की घटना: 10 पुलिसकर्मियों समेत 14 घायल, देखे वीडियो
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हरियाणा के करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध करने पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि मोर्चा मुख्यमंत्री खट्टर के विधानसभा क्षेत्र करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा करता है. साथ ही मोर्चा ने कैमरे पर प्रदर्शनकारियों का सिर तोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम आयुश सिन्हा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. किसानों ने हिंसा के विरोध 10 से ज्यादा शहरों में सड़क जाम किया.


करनाल पुलिस की लाठीचार्ज में 4 किसानों के अलावा 10 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं. हरियाणा पुलिस के एडीजीपी नवदीप विर्क ने कहा है कि करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा की घटना में 4 किसानों को चोट आई जबकि 10 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
इस बीच किसानों पर हुई लाठीचार्ज के बाद हरियाणा में किसानों ने केएमपी को जाम कर दिया. किसानों ने सोनीपत केजीपी और केएमपी के जीरो प्वाइंट पर जाम कर रखा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि करनाल में गिरफ्तार किसानों की रिहाई पर ही जाम खोलेंगे.
हालांकि ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के जाम होने के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश जाने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जाम लगाने वाले किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार गिरफ्तार किसानों की रिहाई नहीं करेगी तब तक वो जाम नहीं खोलेंगे और जिस अधिकारी ने लाठीचार्ज के आदेश दिए हैं उसको सस्पेंड किया जाए.
लाठीचार्ज के खिलाफ अंबाला में भी किसानों ने नेशनल हाइवे जाम कर दिया. अमृतसर-दिल्ली, दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाइवे को भी जाम किया गया है. इस वजह से हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई है. पुलिस ने आनन-फानन में रूट डायवर्ट किए हैं.
पंजाब सीएम ने की आईएएस अफसर पर एक्शन की मांग
किसान मोर्चा ने राज्य की खट्टर-चौटाला सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान पीछे नहीं हटेंगे और वर्तमान ऐतिहासिक आंदोलन को जनविरोधी सरकार के इस बर्बर कृत्यों से दबाया नहीं जा सकता है. दमन के सरकार के प्रयास ही किसानों के संकल्प और शांतिपूर्ण आंदोलन को मजबूत करेंगे. आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज होगा.
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों पर लाठीचार्ज की घटना की निंदा की है. साथ ही उन्होंने पंजाब और अन्य राज्यों में आगामी चुनावों में भाजपा को गंभीर परिणाम की चेतावनी भी दी. यही नहीं घटना के लिए मुख्यमंत्री खट्टर से माफी मांगने की मांग की है. साथ ही आईएएस अधिकारी के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की जिसने पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश दिया.
मुख्यमंत्री खट्टर की करनाल यात्रा के विरोध में रास्ते में किसानों पर लाठीचार्ज के मीडिया रिपोर्टों और वायरल वीडियो का हवाला देते हुए, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उस आईएएस अधिकारी की भी निंदा की, जो कथित तौर पर प्रदर्शनकारी किसानों को पीटने के लिए पुलिस बल को निर्देश देते हुए दिखा. उन्होंने अधिकारी को तत्काल बर्खास्त करने और कानून के अनुसार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
सरकार द्वारा की गई हिंसा की कड़ी निंदाः मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि करनाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हरियाणा के भाजपा-जजपा सरकार द्वारा की गई क्रूर हिंसा की कड़ी निंदा करता है. किसानों के खिलाफ यह हिंसा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ, जब मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम के संदर्भ में स्थानीय किसानों द्वारा काले झंडे से विरोध किया जा रहा था. सरकार की क्रूर कार्रवाई, और करनाल में तैनात पुलिस बल को प्रदर्शनकारियों के 'सिर तोड़ने' के लिए एसडीएम का आदेश पूरी तरह से अस्वीकार्य और असहनीय है और हमारे लोकतंत्र के लिए अपमान और शर्म की बात है.
मोर्चा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जलियांवाला बाग के आधुनिकीकरण के उद्घाटन से जुड़े कार्यक्रम की वर्चुअल रैली कर रहे थे जबकि करनाल में हुआ जलियांवाला बाग दोगुना शर्मनाक है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के लोगों से हर जगह सड़क जाम करने का आह्वान किया है. मोर्चा ने एसडीएम आयुश सिन्हा को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों के सिर तोड़ने का आदेश दिया था, जिसके सबूत के रूप में वीडियो भी शेयर कर दावा किया की एसडीएम ने आदेश दिया.
कई शहरों में हाईवे जाम
पुलिस कार्रवाई के जवाब में राज्य में कई जगह विरोध हुआ, जहां किसानों ने कुरुक्षेत्र, अंबाला, जींद, रेवाड़ी, नरवाना, फतेहाबाद, सिरसा, किटलाना टोल, गोहाना, रोहतक, भिवानी, केएमपी आदि जैसे कई स्थानों के अलावा उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर भी राजमार्ग जाम किया गया. यह रोड जाम अब भी विभिन्न स्थानों पर जारी है.
संयुक्त किसान मोर्चा अमृतसर में किसानों पर लाठीचार्ज की भी निंदा करता है, जहां किसान जालियांवाला बाग के आधुनिकीकरण के उद्घाटन में पीएम के वर्चुअल भाषण का विरोध कर रहे थे.
जलियांवाला बाग हत्याकांड स्थल पर जाने की चाह में हजारों युवा जमा हो गए थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. युवाओं ने इस आयोजन में शामिल होने के नरेंद्र मोदी के नैतिक अधिकार का विरोध किया.
साथ ही किसान मोर्चा ने कहा कि एसकेएम तमिलनाडु राज्य विधानमंडल द्वारा एक प्रस्ताव पारित करने का स्वागत करता है. कई राज्य सरकारों ने इन कानूनों का विरोध किया है, और किसान आंदोलन को अब तक विभिन्न तरीकों से अपना समर्थन दिया है.
किसान मोर्चा ने देशभर के सभी किसान संगठनों से 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर महापंचायत के लिए और अधिक लोगों को जुटाने के लिए ट्रेड यूनियनों, महिला संगठनों, छात्र और युवा संगठनों और अन्य प्रगतिशील नागरिक समूहों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित करने और 25 सितंबर को भारत बंद को एक बड़ी सफलता बनाने का अपील की है.
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