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सोलन में टीम को एकजुट रखना भाजपा-कांग्रेस के लिए चुनौती

Shantanu Roy
3 Dec 2023 9:25 AM GMT
सोलन में टीम को एकजुट रखना भाजपा-कांग्रेस के लिए चुनौती
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सोलन। धर्मशाला में क्रॉस वोटिंग के दंश से हिली नगर निगम की सत्ता का व्यापक असर चार दिसंबर को होने वाले सोलन नगर निगम के चुनाव पर भी हो सकता है । सत्ता सुख की नाव पर सवार होकर कंग्रेस अढ़ाई वर्ष मेयर व डिप्टी मेयर पद पर आसीन रही है, किंतु सोलन में कांग्रेस पार्टी के भतीर चल रहे द्वंद युद्ध पुन: हॉट सीट पर विजयी गाथा लिख पाएंगे, इसका संशय कांग्रेसी पार्षदों के साथ-साथ पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं को भी है। दूसरी ओर भाजपा पार्षद सिर्फ एक बार चार दिन पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल के साथ-साथ एकजुट नगर आए है तथा आजाद पार्षद का सहारा लेकर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति पर नजर गड़ाएं बैठे है। सोलन नगर निगम का चुनाव दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के आला नेताओं के लिए प्रतिष्ठा का सबब बन गया है।

नगर निगम सोलन की अढ़ाई वर्ष तक में मेयर रही पूनम ग्रोवर व कुछ कांग्रेसी पार्षदों का स्थानीय विधायक व मंत्री डा. धनीराम शांडिल से छतीस के आंकड़े की बात किसी से भी छिपी नहीं है। अत: मुख्यमंत्री को सोलन नगर निगम में संभावित उल्टफेर से बचने के लिए प्रदेश के दोनों मंत्रियों हर्षवर्धन व विक्रमादित्य सिंह को पर्यवेक्षक के रूप में उतरना पड़ा है। धर्मशाला में क्रॉस वोटिंग का लाभ उठाकर कांग्रेस ने जिस ढंग से भाजपा को पटखनी दी है उसका फिरमांकन सोलन नगर निगम में भी करने के लिए पटकथा तैयार की जाने लगी है ।सोलन में कुल 17 पार्षद है । इनमें कांग्रेस के पास नौ व भाजपा के पास सात पार्षद है तथा एक पार्षद निर्दलीय होकर फिलवक्त भाजपा को मुद्दा आशान्वित कर रहा है। विधायक का वोट होने के कारण कांग्रेस के पास दस पार्षद हो जाते है । दोनों पार्टियों में यदि क्रॉस वोटिंग नहीं हुई, तो कांग्रेस का मेयर व डिप्टी मेयर पद पर कब्जा तय है । इसके साथ-साथजो समीकरण धर्मशाला में बने हैं उससे अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस सोलन नगर निगम में अपने आंकड़े में बढ़ोतरी करने का प्रयास करेगी।

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