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पंचकुला: हरियाणा के पंचकुला में सीनियर आईपीएस अधिकारी के घर में काम करने वाली मेड के साथ हैवानियत की घटना सामने आई है. बताया जा रहा है कि अधिकारी हरियाणा कैडर के सीनियर IPS ऑफिसर हैं और पंचकूला में उच्च पद पर तैनात है. यह मामला उस समय सामने आया जब पीड़ित लड़की के पिता ने अपनी बेटी के साथ हुए अत्याचार के बारे में थाने में मामला दर्ज कराया. पीड़िता के पिता की दुखभरी दास्तां सुनकर हर कोई सन्न रह गया.
पीड़ित के परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी. पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, लिहाजा एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए उसने हरियाणा के एक बड़े अफसर के घर में काम करने के लिए मेड की नौकरी कर ली. पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि आईपीएस के घर में एक गड्ढे में पानी डालकर पतला कपड़ा पहना कर घंटो तक खड़ा रहने को कहा जाता था. वह ठंड के मारे ठिठुरती रहती लेकिन उसे बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी. हाथ पैर बांधकर उसके साथ पिटाई की जा रही थी. 48 घंटे तक उसे भूखा प्यासा रखने के बाद चार ब्रेड दी जाती थी.
घर में काम करने वाली मेड के साथ अमानवीय व्यवहार
पिछले साल फरवरी 2021 में पीड़िता उस सीनियर अधिकारी के यहां काम करने के लिए गई थी. काम करने के कुछ दिनों बाद ही पीड़िता के परिजन उससे फोन पर बात करना चाहते थे, लेकिन घर वालों से बात नहीं कराई जाती थी. आखिर में अक्टूबर 2021 में पीड़िता के पूरे परिवार ने उन अफसर के घर जाकर अपनी बेटी से मिलने की कोशिश की. लेकिन अधिकारी के घर वालों ने पीड़िता के परिवार वालों से उसे मिलने नहीं दिया बल्कि उन्हें वहां से भगा दिया गया. 4 फरवरी को पीड़िता के पिता के पास एक अनजान नंबर से फोन आया जिसमे बताया कि उनकी बेटी की हालत बहुत बुरी है और पंचकूला में एक राम मंदिर के पास वह बेसुध हालत में पड़ी हुई है.
FIR दर्ज करके मामला हरियाणा पुलिस को सौंपा
पीड़िता के परिजन वहां पहुंचे जब तक मंदिर के लोगों ने उन्हें कपड़े देकर उसे मंदिर में ही सुला दिया था. पीड़िता के घर वाले वहां पहुंचकर उसे दिल्ली के फतेहपुर बेरी ले आए. उसके बाद इन लोगों ने दिल्ली पुलिस को इस घटना की जानकारी दी. पीड़िता की हालत बेहद खराब थी लिहाजा उसे तुरंत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.घंटों के इलाज के बाद भी पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है. पीड़ित के शिकायत पर फिलहाल दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मामले पर जीरो FIR दर्ज करके मामला हरियाणा पुलिस को सौंप दिया है. इस मामले में जिस प्लेसमेंट एजेंसी ने पीड़िता को वहां काम पर रखवाया था, वह भी अब जांच के घेरे में है.
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