शिमला। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। विंटर सीजन शुरू होते ही अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आवाजाही में इजाफा होने लगा है। इससे होटलों सहित अन्य पर्यटन इकाइयों में ऑक्यूपैंसी भी बढ़ने लगी है। सूचना के अनुसार बीते शनिवार व रविवार को शिमला में ऑक्यूपैंसी करीब 70 प्रतिशत रही। इसके अलावा प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है। विशेषकर शिमला व मनाली में पर्यटकों की आमद मेें भी इजाफा दर्ज किया गया है। जुलाई से नवम्बर माह के मध्य तक पर्यटकों की आमद उम्मीद के अनुसार नहीं रही।
मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण पर्यटन उद्योग खासा प्रभावित हुआ था लेकिन अब स्थिति प्रदेश भर में पूरी तरह से सामान्य हो गई है। इसको देखते हुए अब अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों ने हिमाचल का रुख करना फिर से शुरू कर दिया है। वीकैंड के अलावा अन्य दिनों में भी पर्यटकों की आवाजाही देश-विदेश से काफी देखने को मिल रही है। इससे पर्यटन स्थलों पर रौनक लौटने लगी है। इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े स्टेक होल्डर्स के चेहरे खिल गए हैं और उन्हें आगामी दिसम्बर से फरवरी माह तक अच्छे कारोबार की उम्मीद जगी है।
वहीं मौसम विभाग के अनुसार आगामी कुछ दिन ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है, ऐसे में मौसम के मिजाज को देखते हुए पर्यटकों ने हिमाचल आना शुरू कर दिया है। इससे बीते दिनों के मुकाबले प्रदेश में होटलों व अन्य पर्यटन इकाईयों में ऑक्यूपैंसी में करीब 20 प्रतिशत का इंजाफा होने का अनुमान है। इसके अलावा बीते एक सप्ताह के दौरान 5 हजार के करीब विदेशी पर्यटकों का आना भी अनुमानित है। शनिवार की तरह रविवार को भी शिमला के माल रोड सहित रिज मैदान व जाखू आदि पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आमद काफी अधिक देखने को मिली।
कुफरी सहित आसपास के पर्यटन स्थलों पर रविवार को अवकाश के चलते पर्यटकों की रौनक बढ़ गई है। सुबह से ही पर्यटकों का कुफरी आना शुरू हो गया था जो सिलसिला दोपहर तक चला रहा। पर्यटकों के आने से स्थानीय कारोबारियों के चेहरे भी खिले-खिले से दिख रहे थे। कुफरी स्थित एम्यूजमैंट पार्क हिपहिप हुर्रे सहित चिनिबंग्ला, महासू पीक व छराबड़ा आदि सभी जगह सैलानी मौज-मस्ती करते नजर आए। सुबह से क्षेत्र में हलके बादल दिन भर छाए रहे जिसे देख पर्यटक सहित स्थानीय व्यवसायियों में बर्फबारी की भी उम्मीद जगी है।