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Industrial Subsidy: छोटी परियोजनाओं को इंडस्ट्रियल सबसिडी का फायदा नहीं

Shantanu Roy
13 Jan 2025 11:21 AM GMT
Industrial Subsidy: छोटी परियोजनाओं को इंडस्ट्रियल सबसिडी का फायदा नहीं
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Shimla. शिमला। राज्य में लघु ऊर्जा उत्पादकों को सबसिडी का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। पिछले साल सीएम के सामने लघु ऊर्जा उत्पादकों ने अपना यह मसला उठाया है, जिसके बाद अब नया टैरिफ तैयार हो रहा है। 10 फरवरी को इसमें जनसुनवाई होनी है। लिहाजा वहां पर ऊर्जा उत्पादक एक बार फिर से इस मामले को उठाएंगे। उन्होंने सरकार से भी इसमें विद्युत नियामकआयोग से मुद्दा उठाने की गुहार लगाई है। केंद्र सरकार छोटे उद्यमियों को इस तरह की सबसिडी प्रदान कर रही है, मगर हिमाचल में ऊर्जा क्षेत्र के निवेशकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पर वर्तमान सरकार कुछ कदम उठाती है, तो यहां पर निवेश बढ़ सकता है। कई साल से यहां निजी क्षेत्र में ऊर्जा उत्पादक नहीं आ रहे हैं, जिसका एक बड़ा कारण यह है कि विद्युत नियामक आयोग ने इंडस्ट्रियल सबसिडी को लेकर इनको
झटका दिया है।


हिमाचल प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा उत्पादकों को इस सबसिडी का लाभ न देकर डिस्कॉम को लाभ दिया है, मगर फिर भी इनके विद्युत टैरिफ में उस सबसिडी को भी जोड़ा जा रहा है, जिसका फायदा इन उत्पादकों को नहीं मिला। ऐसे में यहां स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादक नाराज हैं और हिमाचल प्रदेश में निवेश नहीं कर रहे हैं। अब सरकार ने निजी क्षेत्र को बिजली परियोजनाएं देने का निर्णय लिया है लिहाजा छोटे उत्पादकों को भी सरकार को राहत देने के लिए मामला उठाना पड़ेगा। इनके लिए सरकार अलग से एक पॉलिसी बनाने पर भी काम कर रही है, जिसमें भी कुछ नए प्रावधान हो सकते हैं, मगर इससे पहले अगला टैरिफ सामने है और उसमें राहत मिल जाए, तो यहां निवेशकों का रुझान दिखेगा। शिमला में एक पावर कॉनक्लेव के दौरान यह मामला उठा था और प्रदेश के ऊर्जा सचिव को इस संबंध में स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों ने एक मांगपत्र भी सौंपा है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा जो टैरिफ में शर्तें रखी गई हैं, उससे स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों में नाराजगी है और वे इस बार बदलाव चाहते हैंं।
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