दिल्ली: भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग 1.5 अरब डॉलर का हो चुका है और अब इसकी पैठ महिलाओं के बीच भी बन रही है. लुमिकाई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 50.7 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं, जिनमें से 43 फीसदी महिलाएं हैं.
ऐसा पहली बार हुआ है कि गेम खेलने वाले लोगों (गेमर) को लैंगिक आधार पर गिना गया है. ये लड़कियां ना सिर्फ वीडियो गेम्स खेलती हैं बल्कि इससे पैसा भी कमाती हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की 1.4 अरब आबादी का 27.3 फीसदी हिस्सा 15 से 29 साल के बीच की उम्र का है.
सोच बदलनी होगी
रिपोर्ट तैयार करने वाली सलोनी सहगल कहती हैं कि विशेष जगह बना रही हैं. हमारी भारतीय संस्कृति की धारणा है ‘लड़कियां गेम नहीं खेलतीं.’ इसे बदलने की जरूरत है.
ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना कर रहीं
गेमिंग में ऑनलाइन ट्रोलिंग का स्तर बहुत खतरनाक रूप से ज्यादा है. 2023 में सोशल मीडिया कम्यूनिटी लोकल सर्कल्स ने एक सर्वेक्षण में पाया कि 86 फीसदी महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें ट्रोल किया जा सकता है. ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन के निदेशक लोकेश सूजी कहते हैं कि इस दिशा में अभी काफी काम करने की जरूरत है.'
बीते साल से दो गुनी संख्या: रिपोर्ट बताती है कि गेमिंग करने वाली आबादी 12 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है. वहीं महलिाओं की संख्या बीते साल के रुकाबले दो गुनी रफ्तार से बढ़ी हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक ई-स्पोर्ट्स में शामिल होने वाली लड़कियों की संख्या 2020 में 12 फीसदी थी जो 2022 में बढ़कर 22 फीसदी हो गई.