जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भैंस का मिलावटी दूध बेचने के मामले में दोषी पाए जाने और एक साल की सजा सुनाए जाने के 38 साल से भी ज्यादा समय बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला अस्सी साल का वृद्ध है। उसने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सजा को निलंबित करने और जमानत की मांग की है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले वीरेंद्र सिंह को 7 अक्टूबर, 1981 को मिलावटी दूध बेचते हुए पकड़ा गया था। बाद में 29 सितंबर, 1984 को एक ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था। ट्रॉयल कोर्ट द्वारा उन्हें एक साल के कठोर कारावास और खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के तहत 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
इसके बाद वीरेंद्र सिंह ने बुलंदशहर सत्र अदालत में ट्रॉयल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। तीन सालों तक चली सुनवाई के बाद सत्र अदालत ने 14 जुलाई, 1987 को निचली अदालत के आदेश की पुष्टि की और उनकी दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा। जब सत्र अदालत से वीरेंद्र सिंह को राहत नहीं मिली तो उसने 28 जुलाई, 1987 को इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। कई सुनवाइयों के बाद अदालत ने 30 जनवरी, 2013 को एक आदेश पारित कर उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन सजा को घटाकर छह महीने के कठोर कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने में कर दिया। इसके बाद वीरेंद्र सिंह ने जो अभी तक जमानत पर थे, उन्होंने 20 अप्रैल, 2023 को ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। साथ ही हाई कोर्ट के आदेश के एक दशक से अधिक समय बाद 2,000 रुपये का जुर्माना जमा किया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अब उन्होंने अपने वकील के उनकी सजा को निलंबित करने की याचिका दाखिल की है। साथ ही इसमें उन्होंने वीरेंद्र सिंह को जमानत पर रिहा करने की भी प्रार्थना की है । इस मामले में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और राजेश बिंदल की सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने कहा कि वह गुरुवार को वीरेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई करेगी।
बुजुर्ग ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह अस्थमा समेत कई बीमारियों से पीड़ित है। उन्होंने कहा है कि उनका बुलंदशहर के जेल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वीरेंद्र सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह पेशे से बस कंडक्टर था। 7 अक्टूबर, 1981 को धार्मिक अनुष्ठानों के लिए दूध खरीदने के लिए अपने पैतृक गांव किर्यावली से कल्याणपुर आया था। जब वह कल्याणपुर से घर जा रहे था तभी खाद्य निरीक्षक एच सी गुप्ता ने उन्हें रोका और जो दूध वह ले जा रहा था उसके नमूने लिए गए और जांच के लिए भेजे गए। जो कि मिलावटी पाया गया था।