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Smart City के तहत एचआरटीसी को मिले तीन करोड़

Shantanu Roy
23 July 2024 12:27 PM GMT
Smart City के तहत एचआरटीसी को मिले तीन करोड़
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Shimla. शिमला। शिमला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले तीन इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन एफसीए के फेर में फंस गए हैं। यहां प्रोजेक्ट अपने आखिरी दौर में है और एचआरटीसी के पास इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को जमीन नहीं है। दो स्थानों पर एफसीए की मंजूरी अब तक हासिल नहीं हो पाई है, जबकि मामला काफी समय पहले से भेजा हुआ है। एक स्थान पर चार्जिंग स्टेशन निर्माण के लिए साइट देखी जा रही है, क्योंकि यहां पर पहले से एक स्टेशन स्थापित है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शिमला के लिए 3 करोड़ रुपए की लागत से एचआरटीसी को चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था। इसके अलावा एचआरटीसी को इलेक्ट्रिक बसें, टैम्पो ट्रेवलर व इनोवा वाहनों की खरीद के लिए भी पैसा दिया गया है। वाहन तो खरीदकर शिमला में चला भी दिए गए, परंतु अभी चार्जिंग स्टेशन
स्थापित नहीं हो सके हैं।

सूत्रों के अनुसार चार्जिंग स्टेशन का मामला फोरेस्ट विभाग के पास लंबित है, क्योंकि इनके लिए जो जमीन देखी गई वो वन भूमि है और उस पर फोरेस्ट कंजरेवशन एक्ट के तहत मंजूरी चाहिए। शिमला के रामनगर में 9 बिस्वा वन भूमि देखी गई है, जिसके लिए वन विभाग की मंजूरी चाहिए। इसी तरह से जुन्गा में एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित होना है, जिसके लिए लगभग एक बीघा जमीन की जरूरत है और वहां पर भी मामला वन विभाग को भेजा गया है। तीसरी साइट ढली में ढूंढ़ी जा रही है, जहां पर अभी एचआरटीसी ने अपना चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर रखा है। मगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उसे जमीन नहीं मिल रही है। यहां पर साइट सिलेक्शन का काम चल रहा है। यहां पर निगम देख रहा है कि वह अपनी ही जमीन पर चार्जिंग स्टेशन बनाए, जिससे उसको फोरेस्ट की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी या फिर किसी अन्य विभाग का मसला नहीं होगा। अहम बात है कि तीन करोड़ रुपए की राशि उसे दी जा चुकी है और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अब खत्म होने वाला है। इससे पहले एफसीए की मंजूरी मिलेगी या नहीं, यह कहा नहीं जा सकता। यदि मंजूरी नहीं मिलती है तो यह चार्जिंग स्टेशन का मामला ठंडे बस्ते में पड़ जाएगा और तीन करोड़ रुपए की राशि भी लैप्स हो जाएगी।
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