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एचपीयू का सभी डिग्री कालेजों को रिमाइंडर

Shantanu Roy
16 May 2024 9:54 AM GMT
एचपीयू का सभी डिग्री कालेजों को रिमाइंडर
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शिमला। प्रदेश के कालेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कालेजों ने अभी तक नोडल अधिकारी और एबीसी को-ऑर्डिनेटर नियुक्त नहीं किए हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने एक बार फिर सभी कालेजों को इस बारे में रिमाइंडर जारी किया है, जिसमें हर हाल में को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए जाने कर रिपोर्ट डीन ऑफ स्टडी कार्यालय को भेजनी होगी। मेल आईडी के जरिए एचपीयू को ये जानकारी भेजनी होगी। प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए एडीबी यानी अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट शुरू होगा। एचपीयू ने यूजीसी के नियमों के तहत इस सत्र से नई शिक्षा नीति को लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए कालेज और यूनिवर्सिटीज को अकादमिक बैंक ऑफ के्रडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद वहां पढने वाले हर स्टूडेंट का डाटा स्टोर होना शुरू हो जाएगा।

यदि कोई स्टूडेंट बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है, तो उसे टाइम पीरियड के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी। फस्र्ट ईयर पास करने पर सर्टिफिकेट, सेकेंड ईयर पास करने पर डिप्लोमा और तीन साल या कोर्स पूरा करने पर डिग्री दी जाएगी। यह कामर्शियल बैंक की तरह काम करेगा। स्टूडेंट इसके कस्टमर होंगे। एकेडमिक बैंक में स्टूडेंट का अकाउंट खोला जाएगा। इस योजना का फायदा किसी भी इंस्टीट्यूट का छात्र उठा सकता है। शर्त सिर्फ इतनी है कि इंस्टीट्यूट ने अपना रजिस्ट्रेशन इस स्कीम के तहत कराया हो। अलग-अलग संस्थानों में सभी कोर्स नहीं होते, इसलिए किसी भी इंस्टीट्यूट को इसमें शामिल होने की छूट दी गई है। स्टूडेंट को सर्टिफिकेट, डिग्री या डिप्लोमा बैंक में जमा हो रहे क्रेडिट के आधार पर मिलेंगे। इससे स्टूडेंट को अपने हिसाब से पढ़ाई पूरी करने की इजाजत मिलेगी। स्टूडेंट के पास यदि पुराने रिकार्ड जमा हैं, तो वह पढ़ाई छोडऩे के बाद कभी भी दोबारा शुरू कर सकता है।
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