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Nahan. नाहन। जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की 154 पंचायतों में मशहूर पौष पर्व की शनिवार से शुरुआत हो गई है। इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने मां काली के नाम की प्रसाद की कड़ाही बनाकर उनकी आराधना के साथ पर्व का आगाज किया। जानकारी के मुताबिक गिरिपार क्षेत्र में पौष त्योहार सदियों से मनाया जा रहा है। अहम बात यह है कि इस बीच गिरिपार क्षेत्र के नौकरीपेशा व कामगार विभिन्न जिलों व राज्यों से अपने घरों को त्योहार को मनाने के लिए लौट रहे हैं। जिसके चलते निगम सहित निजी बसों में भारी भीड़ देखी जा रही है। जानकारी के मुताबिक यह त्योहार गिरिपार क्षेत्र के तहसील नौहराधार, शिलाई, संगड़ाह, राजगढ़, कमरऊ, उप-तहसील रोनहाट तथा पांवटा तहसील की आंजभौज की पंचायतों समेत उत्तराखंड के जौनसार बाबर और शिमला जिले में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। माघी पर्व पर दूर-दूर से नौकरीपेशा लोग परिवार समेत अपने घर पहुंच गए हैं। वहीं पूरे परिवार में मिलकर इस दौरान पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया जाएगा। वहीं इस दौरान गिरिपार क्षेत्र में माघी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।
कई क्षेत्रों के गांव में 14 व 15 जनवरी संक्रांति व मक्रांति को गांव के सांझे आंगन में सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की पारंपरिक नाटियां लगाई जाती हैं, जिसमें बाहर से आए मेहमा आनंद उठाते हैं। दिवाली त्योहार के समकक्ष सर्दियों के पौष माह से माघ तक लगभग एक माह के सबसे शाही व मेहमाननवाजी के लिए माने जाने वाले माघी त्योहार के लिए आजकल स्थानीय बाजारों में भारी भीड़ देखी जा रही है। देश के विभिन्न स्थानों पर जहां 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है।जिला सिरमौर की इन 154 से अधिक पंचायतों में इस दौरान मांसाहारी दावतों का दौर जारी रहता है। कि मौसम व माता काली की देव पूजा के लिए यहां पर बकरों की बलि देने की प्रथा है, समय के साथ-साथ अब नई पीढ़ी में इस रिवाज में भी भारी अंतर आ रहा है। 11 जनवरी को माघी त्योहार का आगाज खरयांटी से हो गया। साथ में चौलाई व गुड़ से व्यंजन तैयार किए गए। डिमलांटी नाम से 12 जनवरी को त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन सभी घरों में गुड़ व आटे का देसी घी के साथ खाया जाने वाला घिंडा तैयार किया जाएगा, 13 जनवरी को मांसाहारी दावत तैयार होगी। 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व क्षेत्र में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। क्षेत्र के बुद्धिजीवी बुजुर्ग बताते है पौष त्योहार गिरिपार क्षेत्र का मौसम से जुड़ा अभिन्न त्योहार है जो कि आपसी मेल-जोल की भावना के साथ विशिष्ट संस्कृति को भी संजोकर रखा गया है।
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Shantanu Roy
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