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BBN. बीबीएन। बिजली दरों में लगातार जारी वृद्धि से खफा हिमाचल के स्टील उद्योगों ने तालाबंदी का ऐलान कर दिया है, स्टील उद्यमियों ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर जल्द बढ़ोतरी वापस नहीं ली गई, तो वे 25 फरवरी से अपनी फैक्टरियां बंद कर देंगे। हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने कहा है की अगर बिजली दरों में बढ़ोतरी पर पुनर्विचार न किया गया तो आगामी बिजली बिल की राशि जो की करीबन 100 करोड़ बनती है, उसका भुगतान भी नहीं किया जाएगा। स्टील एसोसिएशन ने कहा कि हिमाचल का स्टील उद्यमी आर्थिक मोर्चे पर पहले ही संकट के दौर से गुजर रहा है, प्रदेश सरकार स्टील सेक्टर को राहत देने की बजाए बिजली दरों में लगातार बढ़ोतरी कर उद्यमियों को भारी वित्तीय तनाव की तरफ धके ल रही है। प्रदेश भर के प्रमुख स्टील उद्यमियों ने गुरुवार शाम पंचकूला में बैठक की और सुनवाई न होने पर 25 फरवरी से उद्योगों में उत्पादन ठप कर तालबंदी करने का निर्णय लिया।
वहीं हजारों कामगारों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है। वर्तमान में राज्य भर में विभिन्न औद्योगिक समूहों की 28 स्टील इकाइयां संचालित हैं। प्रदेश सरकार ने औद्योगिक उपभोक्ताओं पर 0.10 पैसे प्रति यूनिट का दूध उपकर, 0.02 से 0.10 पैसे प्रति यूनिट तक का पर्यावरण उपकर लगाया था और सितंबर 2024 में 1 रुपए प्रति यूनिट बिजली शुल्क सबसिडी वापस ले ली थी, जिससे उद्योग पर ओर बोझ बढ़ गया। स्टील उद्यमी पंकज बंसल, संजीव अग्रवाल, पवन सैणी, संजीव गोयल, राजिंद्र, प्रदीप अग्रवाल, पंकज खेतान, पारस वर्मा, नवीन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद बिजली दरों में रुपए एक प्रति यूनिट की बढ़ोतरी पर पुनर्विचार नहीं किया गया। स्टील एसोसिएशन के महासचिव राजीव सिंगला ने बताया कि स्टील उद्योग जिस संकट से गुजर रहे हैं, उसके गंभीर परिणाम होंगे।
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Shantanu Roy
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